मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को ‘काले क़ानून’ बताते हुए आंदोलनकारी किसानों ने केंद्र सरकार के आगे घुटने टेकने से साफ़ मना कर दिया है। उनका आंदोलन जारी है। दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिलने के बाद भी बड़ी संख्या में किसान हरियाणा-दिल्ली के सिंघु (कुंडली) और टिकरी बॉर्डर पर जमे हैं। किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दी गई है लेकिन बहुत कम किसान वहां गए हैं और उनका कहना है कि वहां कोई इंतजाम नहीं है। किसान आंदोलन का सबसे सकारात्मक पक्ष यह है कि आंदोलनकारी किसान वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी लंगर से खाना खिला रहे हैं। उधर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों को लेकर मोदी सरकार के रुख की कड़ी निंदा की है।
किसानों ने आज सुबह यहां बैठक की और आगे की रणनीति पर विचार किया। पता चला है कि किसान दोपहर में एक और बड़ी बैठक होंगी। इसमें तय होगा कि दिल्ली जाकर विरोध प्रदर्शन करना है या दिल्ली हरियाणा की सिंधू बॉर्डर पर ही धरना देना है। हजारों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर, वाहों के साथ वहां डटे हैं। उनका कहना है कि वो अगले 6 महीने का राशन साथ लेकर आए हैं। आंदोलनकारी किसान बाकायदा लंगर लगा रहे हैं और खाना सिर्फ अपने लिए नहीं बना रहे बल्कि डयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को भी खिला रहे हैं।
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार विवादित कानून वापस नहीं ले लेती, तब तक वे यहीं जमे रहेंगे। वे अपनी पूरी तैयारी करके आए हैं। उनके पास भरपूर मात्रा में राशन है। उधर पंजाब से हजारों की संख्या में और किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। कहा जा रहा है कि पंजाब के इन किसानों को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के किसानों का समर्थन मिला है। यदि यह किसान आंदोलन लंबा चलता है तो इन राज्यों के किसान भी दिल्ली कूच कर सकते हैं।
किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दी गई है, लेकिन ज्यादातर किसान सिंघबारदार पर जमे हैं। कल देखा गया था कि किसानों को रोकने के लिए सरकार ने सड़कें तक खोदकर उनमें गहरे गड्ढे बना दिए। वैसे कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश की इजाजत मिल गई है. किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है।
भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बर्जगिल इ मुताबिक कई किसान नेता अब भी दिल्ली के रास्ते में हैं। हम आज बैठक करेंगे और आगे के कदमों के बारे में फैसला लेंगे। फिलहाल सिंघु बॉर्डर पर किसानों की बैठकें हो रही हैं जिनमें आंदोलन की आगे की रणनीति तय होगी। इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली मार्च कर रहे किसानों से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलनरत किसानों को 3 सिदंबर को बातचीत का प्रस्ताव दिया है। केंद्र द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान शनिवार सुबह सिंघु बॉर्डर पर जमा हुए हैं।
इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने चार तस्वीरें ट्वीट कर किसानों के मसले पर सरकार को घेरा है। ट्वीट में प्रियंका गांधी ने लिखा – ‘भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। लेकिन किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं। दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, लेकिन सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आए तो वह गलत?’
प्रियंका गांधी का ट्वीट –
Priyanka Gandhi Vadra
@priyankagandhi
भाजपा सरकार में देश की व्यवस्था को देखिए। जब भाजपा के खरबपति मित्र दिल्ली आते हैं तो उनके लिए लाल कालीन डाली जाती है। मगर किसानों के लिए दिल्ली आने के रास्ते खोदे जा रहे हैं। दिल्ली किसानों के खिलाफ कानून बनाए वह ठीक, मगर सरकार को अपनी बात सुनाने किसान दिल्ली आएं तो वह गलत?