क्या पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की बात सही साबित हो गयी ? सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर को रिश्तों के रस्ते खोलने वाला बताया था और मंगलवार को पाकिस्तान ने बाकायदा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सार्क सम्मेलन में न्योता देने का फैसला किया है।
करतारपुर कॉरिडोर के जरिए दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने के संकेत मिल रहे हैं। बुधवार को ही करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास है और इससे एक दिन पहले ही पाकिस्तान ने पीएम को सार्क में बुलाने की बात आधिकारिक रूप से कही है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को आधिकारिक रूप से जानकारी दी कि साल के आखिर में प्रस्तावित सार्क सम्मेलन में पीएम मोदी को न्योता भेजा जाएगा। इस बार सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ) के २०वें सम्मेलन की मेजबानी पाकिस्तान को करनी है।
वैसे २०१६ में १९वें सार्क शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी पाकिस्तान को करनी थी लेकिन उस समय भारत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और भूटान ने इसमें हिस्सा लेने से इनकार कर दिया था जिस के चलते सम्मेलन रद्द कर दिया गया था। आखिरी बार सार्क शिखर सम्मेलन २०१४ में नेपाल के काठमांडू में आयोजित हुआ था।
पाकिस्तान में अब इमरान खान के नेतृत्व में नई सरकार है और नए पीएम सभी सदस्य देशों को मनाने की कोशिश करते दिख रहे हैं। सम्भवता २०१६ के शिखर सम्मलेन जैसा हश्र वे नहीं होना देना चाहते। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान सहित अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव श्रीलंका सार्क के सदस्य देश हैं।