सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सारदा चिटफंड घोटाला मामले की जांच की निगरानी से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि चिटफंड मामला सामने आने के बाद प्रभावित निवेशकों ने पूरे घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में करवाने को लेकर सर्वोच्च अदालत का दरबाजा खटखटाया था।
सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान सोमवार कहा कि उसे ऐसा नहीं लगता कि इस घोटाले में निगरानी की कोई ज़रुरत है। शारदा चिटफंड स्कैम पश्चिम बंगाल का एक बड़ा वित्तीय घोटाला है, इस घोटाले में कई बड़े नेताओं का नाम सामने आया है। कंपनी पर आरोप है कि उसने इनवेस्टरों से वादा किया कि उनकी रकम को ३४ गुना करके वापस किया जाएगा।
लाखों लोगों ने कंपनी में निवेश किया था और बाद में करीब ४० हजार करोड़ की हेर-फेर की बात सामने आई थी। साल २०१४ में सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम पुलिस को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था।
याद रहे चिटफंड घोटाले की जांच करने वाली पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी का नेतृत्व २०१३ में राजीव कुमार ने किया था। सीबीआई का आरोप है कि जांच से जुड़े कुछ दस्तावेज नष्ट किये गए हैं और इस सिलसिले में उसकी राजीव कुमार से पूछताछ भी चल रही है।