प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कोविड-१९ के कारण लॉकडाउन के चलते सभी मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की। यह बैठक अब समाप्त हो गयी है। पीएम ने कहा है कि देश में सामूहिक प्रयासों का सकारात्मक असर कुछ हद एक दिख रहा है, साथ ही उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था अच्छी होने का भी दावा किया। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी थे, जिन्होंने लॉक डाउन को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया और कहा कि ”लंबी लड़ाई है और हमें धैर्य दिखाना है”।
जानकारी के मुताबिक वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्रियों की राय लॉक डाउन बढ़ाने को लेकर बंटी हुई थी। नौ में से चार ने ही लॉक डाउन बढ़ाने का समर्थन किया जबकि सभी ने लॉक डाउन की स्थिति में ज्यादा रियायतों की मांग की। पीएम ने सामूहिक प्रयासों के चलते देश में कोविड-१९ की स्थिति में कुछ सुधार की बात कही।
पीएम ने कहा जिन राज्यों में स्थिति में सुधार दिखेगा उनमें जिलावार रियायतें दी जाएंगी। इससे संकेत मिलता है जहाँ स्थिति खराब रहेगी लाक डाउन जारी रहेगा और जहाँ सुधार है वहां लॉक डाउन ख़त्म किया जा सकता है या उसमें बड़ी रियायतें मिल सकती हैं। वैसे पीएम ने आज लॉक डाउन बढ़ाने या हटाने को लेकर कोइ बात नहीं की। साथ ही राज्यों की वित्तीय स्थिति पर भी नजर रखने की बात कही।
बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वो व्यक्तिगत रूप से राज्य में कोरोना से निपटने की तैयारी की मॉनिटरिंग कर रही हैं और जब तक वो मौजूद हैं, तब तक राज्य के एक भी नागरिक को निःसहाय महसूस नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में फँसे बंगालियों की भी मदद की जा रही है। कोटा से छात्रों को वापस बुलाया जाएगा। ममता ने अधिकारियों को कई ज़रूरी निर्देश दिए।
पुडुचेरी के सीएम वी नारायणसामी ने केंद्र से पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स) और अन्य मेडिकल उपकरणों के अलावा वित्तीय मदद की मांग की। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय और अन्य संबद्ध मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की।