सर्वोच्च न्यायालय ने कर्ज में डूबी कंपनियों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने मंगलवार रिजर्व बैंक (आरबीआई) के २००० करोड़ से ज्यादा के कर्ज में डूबी कंपनियों को १८० दिन में कर्ज समाधान करने वाले सर्कुलर को गैर कानूनी बताते हुए उसे खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि सर्कुलर में कहा गया था कि जो कंपनियां इस समय सीमा तक कर्ज का समाधान नहीं कर पाएंगी, उन्हें इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के तहत लाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सर्कुलर जारी कर आरबीआई ने अपने कानूनी अधिकारों से आगे जाकर काम किया है। एस्सार पावर, जीएमआर एनर्जी, केएसके एनर्जी, रत्तन इंडिया पावर और एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूसर्स ने आरबीआई के सर्कुलर को कोर्ट में चुनौती दी थी।
अपने इस सर्कुलर में आरबीआई ने कहा था कि एक दिन का भी डिफॉल्ट करने पर कंपनी के कर्ज को एनपीए में डाल दिया जाएगा। बैंक को १८० दिन की डेडलाइन खत्म होने के १५ दिन के भीतर आईबीसी कोड के तहत कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी देनी होती है। इस सर्कुलर से आरबीआई का लोन रिजॉल्यूशन मैकेनिज्म भी वापस ले लिया गया था। अब इंफ्रास्ट्रक्चर, पावर, आयरन, स्टील और टेक्सटाइल सेक्टर को राहत मिलेगी। सबसे ज्यादा एनपीए इन्हीं सेक्टर में हैं।