सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली में हाल में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय को एक बड़ा आदेश देते हुए हिंसा से जुड़ी तमाम याचिकाओं पर इसी शुक्रवार को सुनवाई करने को कहा है। पहले हाई कोर्ट ने इस मामले पर अगली सुनवाई १३ अप्रैल के लिए तय की थी। याद रहे दिल्ली हिंसा में अब तक ४८ लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में घायल अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।
सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली हिंसा के मामले में भाजपा नेताओं के कथित भड़काऊ भाषणों को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली पीआईएल (जनहित याचिका) पर सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय को निर्देश दिया कि वह ६ मार्च को इस मामले को सुने। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई एक महीने के लिए टाल देना न्यायसंगत नहीं है। उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई १३ अप्रैल तक के लिए टाल दी थी।
सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को अपने निर्देश में कहा – ”न्याय के हित में हाईकोर्ट को निर्देश दिया जाता है कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को करे। हेट स्पीच समेत इस हिंसा से जुड़ी सभी याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई की जानी चाहिए।” न्यायालय ने कहा कि हाईकोर्ट मामले की यथासंभव जल्द सुनवाई करे और नेता लोगों से बात करे।
हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ”हम चाहते हैं कि किसी भी सूरत में शांति हो।” प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट शांतिपूर्वक विवाद का हल निकालने की कोशिश करे। हालांकि, भाजपा नेताओं को ओर से भड़काऊ भाषण देने के मामले में हर्ष मंदर की याचिका पर सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इस पर तब तक सुनवाई नहीं होगी जब तक कि न्यायपालिका को लेकर की गई उनकी टिप्पणी का मामला नहीं सुलझ जाता है। प्रधान न्यायाधीश ने मंदर के भाषण का ट्रांसक्रिप्ट मांगा है।