गुजरात के पाटीदार और कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। सर्वोच्च अदालत ने हार्दिक की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है।
हार्दिक ने मेहसाणा दंगा मामले में सोमवार को सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। गुजरात की निचली अदालत ने हार्दिक को २०१५ के मेहसाणा दंगे में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। बाद में इसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा जिससे वे चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गये। अब उन्होंने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है।
याद रहे जन प्रतिनिधित्व कानून और शीर्ष अदालत की व्यवस्था के तहत दो साल या इससे अधिक जेल की सजा काट रहा व्यक्ति दोषमुक्त होने या उस फैसले पर रोक लगने तक चुनाव नहीं लड़ सकता। पिछले साल जुलाई में मेहसाणा जिले के विसनगर में सत्र अदालत ने पटेल को दो साल जेल की सजा सुनायी थी।
बाद में हार्दिक ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए सजा से राहत दी जाये, लेकिन न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।