जब कोरोना रोगियों को आँक्सीजन जैसी किल्लत से जूझना पड़ रहा हो, ऐसे में रोगियों के बीच निराशा पनप रही हो। तब डाक्टरों की सलाह लें और घर बैठे अपना इलाज करें। क्योंकि कुछ इलाज अस्पतालों से बेहत्तर घर में हो सकता है।और सदियों से ऐसा ही होता आया है।तहलका संवाददाता को दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) के सदस्य व डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डाँ नरेश चावला ने बताया कि आज कल कोरोना का कहर लोगों के बीच एक दहशत बनकर उभरा है। लोगों में डर है। कि कहीं कोरोना से कोई अनहोनी ना हो जाये। ऐसे में कोरोना होने पर लोग अस्पताल भाग रहे है। अस्पतालों में बैड और आँक्सीजन ना मिलने पर लोग तड़प रहे है। कई लोगों को समय पर इलाज ना मिल पाने के काऱण उनकी मौत तक हो रही है।
डाँ नरेश चावला का कहना है कि कोरोना होने या हल्की खांसी बुखार होने पर लोग सूझ -बूझ से काम लें ,डरें नहीं बल्कि सावधानी पूर्वक घर बैठे इलाज के तौर पर खांसी होने पर छाती में अगर कफ जमा हो तो गर्म पानी के गरारे करें। भाप लें । सामान्य पानी पियें जो ठंडा ना हो। उसका अधिक सेवन करें। तो आराम मिलेगा। बे-वजह दवा का अधिक सेवन ना करें। क्योंकि दवा का अधिक सेवन से शरीर में साइट इफेक्ट हो सकते है।
इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष व हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ आर .एन. कालरा ने बताया कि इन दिनों वायरल फैल रहा है। सर्दी , जुकाम और खांसी के साथ बुखार आ रहा है। इसका मतलब ये है कि आप आसानी से ठीक हो सकते है। इन लक्षणों को कोरोना मानकर घबराये नहीं है। क्योंकि ज्यादात्तर लोग कोरोना मानकर अपना इलाज करवा रहे है। और खुद ही कोरोना की चपेट में आ रहे है।ऐसे में जागरूक बने सतर्क रहे और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें।