राजधानी दिल्ली में अब सर्दी बढ़ने लगी है। सुबह-सुबह कुहासा भी दिखने लगा। मौसम विभाग की माने तो 3 दिसम्बर से हल्ली बारिश भी हो सकती है। जिससे सर्दी और भी बढ़ेगी।
वहीं सर्दी के बढ़ने से दिल्ली में देश के अन्य राज्यों से आये लोगों को सर्दी के सितम से जूझने को मजबूर होना पड़ता है। दिल्ली के रेलवे स्टेशनों और सरकारी अस्पतालों के बाहर मरीजों के तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बताते चलें हर साल दिल्ली सरकार सर्दी से लोगों को बचाने के लिये रैन बसेरे की व्यवस्था करती है। ताकि कोई भी नागरिक सर्दी में परेशान न हो। सर्दी से बचाव के लिए सरकारी अस्पतालों के बाहर पर्याप्त संख्या में रैन बसेरे भी बनाये जाते है।
रैन बसेरा में काम करने वाले मनोज कुमार ने बताया कि अभी तो सर्दी ने सही से दस्तक देना शुरू नहीं किया है। जैसी ही सर्दी का प्रकोप जोर पकड़ेगा। रैन बसेरा में लोग रहने के लिये आने लगेगें। उनका कहना है कि किसी को भी सर्दी से न जूझना पड़े उसके लिये पर्याप्त व्यवस्था की जाती है।
वहीं दिल्ली के कई बड़े पुल है जो रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों के पास उनके नीचे भी लोग अलाव जलाकर सर्दी से बचने का पूरा इंतजाम करते है।
तहलका संवाददाता को पुल के नीचे रात गुजारने वाले लोगों ने बताया कि सर्दी हो गरमी वे पुल के नीचे ही रहते है और दिहाड़ी, रिक्शा चलाकर अपना दैनिक जीवन –यापन करते है। उन्होंने सरकार से अपील की है। जो दिहाड़ी मजदूर है। जिनके रहने के लिये कोई घर नहीं है वे किराये पर घर नहीं ले सकते है। तो उनके लिये पुलों के नीचें या आस-पास अलाव या रैन बसेरा बनाये जाये ताकि सर्दी के सितम से बच सकें।