रिकॉर्ड बनते ही टूटने के लिये इस बार ऐसा ही हुआ दिल्ली में सर्दी के रिकॉर्ड का जो 118 साल के रिकॉर्ड को तोड़ते हुये दिल्ली में सर्दी के सितम से लोग काँप उठे। और लोगों ने कहा कि उन्होंने अपनी ज़िान्दगी में ऐसी सर्दी नहीं देखी। जो दिसंबर 2019 की 14 तारीख से लगातार 31 दिसंबर तक देखी। तहलका संवाददाता ने जब मौसम विशेषज्ञ और डॉक्टरों से सर्दी के बढ़ते प्रकोप और इससे होने वाले नफा-नुकसान के बारे में बात की, तो उन्होंने बताया कि कोई भी चीज़ हो एक अति के बाद नुकसान ही पहुँचाती है। ऐसा ही सर्दी के प्रकोप से भी हृदय, दिमाग और अस्थमा रोगियों के साथ बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ा। प्रकृति के प्रकोप को कोई चैलेंज नहीं कर सकता है और जो करता है वह औंधे मुँह गिरता है। जैसा की आज के दौर में हो रहा है।
मैक्स अस्पताल साकेत के हृदय सर्जन डॉक्टर रजनीश मल्होत्रा का कहना है कि सर्दी के मौसम में ब्रेन अटैक, हृदय अटैक और बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। हृदय रोगियों के लिए तो सर्दी का मौसम कहर बनकर आता है अगर ज़रा-सी लापरवाही हुई तो काफी घातक हो सकती है, सर्दी। क्योंकि सर्दी के मौसम मधुमेह और हाई बीपी की शिकायत से पीडि़त मरीज़ों को सर्दी में सुबह-सुबह टहलने से बचना चाहिए, ताकि किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो सके। डॉक्टर मल्होत्रा का मानना है कि सर्दी के मौसम हृदय अटैक के मामले ज़्यादा सामने आते हैं।
दिल्ली में पड़ी कडक़ड़ाती सर्दी के बारे में 48 वर्षीय रमन लाल ने बताया कि सर्दी तो दिसंबर और जनवरी में पड़ती ही है, पर ऐसी सर्दी उन्होंने अपनी उम्र में अभी तक नहीं देखी थी। सर्दी के पडऩे से इस बार सबसे ज़्यादा अगर कोई लाभ में रहा था तो वो हीटर विक्रेता, जिन्होंने अपने पुराने से पुराने हीटरों को जमकर मुँह माँगे दामों में बेचा है। लक्ष्मी नगर मेें हीटर विके्रता प्रदीप गुप्ता ने बताया कि गत वर्षों से सर्दी इस साल की तरह नहीं पड़ी थी, इसलिए उन्होंने हीटरों का स्टॉक कम रखा था पर सर्दी में लगातार 15 दिनों तक प्रकोप के कारण लोगों ने इससे बचने के लिए जमकर हीटरों की खरीददारी की। सर्दी के बढऩे से दिल्ली वाले काफी खुश भी दिखे उन्होंने कहा कि एक सदी बाद दिल्ली में जो सर्दी पड़ रही है, उसका मज़ा लीजिए, क्योंकि गर्मी के सितम से तो लोग बेहाल हो जाते हैं।
प्रादेशिक मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉक्टर कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दी तो दिसम्बर और जनवरी में हर साल पड़ती है। पर इस बार सर्दी पिछले कुछ दशकों की अपेक्षा अधिक पड़ी इसकी मुख्य वजह यह है कि 14 से 31 दिसंबर तक क्लाउड की लेयर पंजाब से लेकर पश्चिमी उत्तर-प्रदेश तक थी। इसके कारण सूर्य की रोशनी नहीं मिल सकी जो सर्दी कर कारण बनी और 12 और 13 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ जो जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड की पहाडिय़ों से बर्फीली हवाओं का तेज़ चलना रहा है। जिसके कारण सर्दी पड़ी है। वैज्ञानिक का मानना है घना कोहरा भी सर्दी का कारण बनता है।
श्रीवास्तव ने बताया कि शिमला के पहाड़ों की ऊँचाई 15 से 18 सौ मीटर है। जबकि दिल्ली में 500 मीटर की ऊँचाई पर है, जिसके कारण ठंड ज़्यादा पड़ी है। 119 साल में 31 दिसंबर सबसे ठंडा दिन रहा है। दिसंबर 2019 का औसत अधिकतम तापमान 18.7 डिग्री सेल्सियस रहा है। इससे पहले दिसंबर 1997 का औसत अधिकतम तापमान 17.5 रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 1901 से दिसंबर का औसत अधिकतम तापमान सिर्फ पाँच बार 20 डिग्री के आस-पास रहा है। जैसे 1919, 1929, 1961, 1997 और अब 2019 है। इस बार 30 दिसंबर को 118 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। इस दिन अधिकतम तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। जो 1901 के बाद का सबसे कम दिल्ली में 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
दरअसल, वायु प्रदूषण भी तापमान को नीचे रखने में अहम भूमिका निभाता है। क्योंकि वायु प्रदूषण जब हवा में नमी लाता है। कोहरे जैसी स्थिति को बढ़ावा देता है, जिससे धरती पर पडऩे वाला सूर्य के प्रकाश में रुकावट पैदा करता है। जो तापमान का कम करने में सहायक बनता है।
2019 में गर्मी का भी टूटा रिकॉर्ड
सर्दी और गर्मी ने दोनों ने ही रिकॉर्ड तोड़े है। जून में जहाँ सबसे अधिक तापमान 48 डिग्री दिल्ली में दर्ज किया गया। और दिसम्बर में सबसे कम 2.6 दर्ज किया गया।
ग्लेशियर वैज्ञानिक प्रो. नवीन कृष्ण गिरि का कहना कि इस बार बर्फ का जल्दी गिरना कोई अचम्भे की बात नहीं हैं। क्योंकि सर्दियों के दिनों में इस तरह की हिमपात होता है। हाँ इतना ज़रूर है कि पिछलें दो दशकों से देख रहे हैं कि जनवरी महीने में ही बर्फ गिरने की जानकारी मिलती है वो भी कम ही मात्रा में। पर इस बार पश्चिमी हवाएँ मज़बूत होने की वजह से अच्छी बर्फबारी हुई है। दिल्ली की सर्दी को लेकर सोशल मीडिया और आम जनों में इस बार जमकर मज़ाक चला कि दिल्ली में पड़ रही है सर्दी, तो सर्दी से बचने के लिए शिमला जाएँ। खैर, कुछ कोई भी कहें, पर सर्दी का लुत्फ भी लोगों ने लिया।