कुछ रोज पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राजस्थान में एक कार्यक्रम में मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक का श्रेय लेने की आलोचना करने और इसे सेना के कार्यक्षेत्र में ”एनक्रोच” करने वाले ब्यान के बाद अब रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा कि २०१६ की सर्जिकल स्ट्राइक को ज्यादा ही ”बढ़ा-चढ़ाकर” पेश किया गया। ऐसा करने की कोइ ज़रुरत नहीं थी।
जनरल हुड्डा ने कहा कि उन्हें लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक को कुछ ज्यादा ही तवज्जो दी गई। ”मिलिट्री ऑपरेशन जरूरी था और इसलिए हमने उसे अंजाम दिया। अब इसका कितना राजनीतिकरण हुआ, यह सही है या गलत, इसे राजनेताओं से पूछा जाना चाहिए।”
दर्जनों ऑपरेशंस में शामिल रहे जनरल हुड्डा के ब्यान के कुछ देर बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर उनकी प्रशंसा की। राहुल ने ट्वीट में कहा – उन्होंने (मोदी) सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक फायदा उठाया। जनरल, आप एक सच्चे सैनिक की तरह बोले। भारत को आप पर गर्व है। सेना का निजी संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करने में मिस्टर ३६ (राफेल लड़ाकू विमान) को बिल्कुल भी शर्म नहीं आई। उन्होंने (पीएम ) सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ लिया और राफेल डील ने अनिल अंबानी की पूंजी में ३० हजार करोड़ रुपए का इजाफा कर दिया।”
शनिवार को एक कार्यक्रम में सेना प्रमुख विपिन रावत से भी हुड्डा के ब्यान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा – उन्होंने (हुड्डा) जो भी कहा, यह उनका अपना विचार हो सकता है। मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। ऐसे (सर्जिकल स्ट्राइक) कई ऑपरेशंस में उनकी अहम भूमिका रही है। मैं उनके कहे शब्दों का सम्मान करता हूं।”
इससे पहले जनरल हुड्डा ने कहा था कि जिस तरह से चीजें नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हो रही हैं, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि हमें अप्रत्याशित तरीके से जवाब देना चाहिए। ”जब तक कि पाकिस्तान तनाव को कम करने और घुसपैठ को रोकने के लिए कुछ नहीं करता।”