देर से मिला न्याय भी अन्याय सा ही: योगी
राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद टाइटिल सूट पर चल रही सुनवाई की अगली तारीख सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में रखी है। इस अदालती फैसले पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘और भी रास्ते हैं। सबसे बढिय़ा विकल्प सोचेंगे। कभी-कभी देर से मिला न्याय भी अन्याय जैसा होता है।’ उन्होंने कहा, ‘रामजन्म भूमि से जो जुड़ा हुआ मामला है। वह माननीय उच्चतम न्यायालय में है। न्याय में देर, कभी-कभी अन्याय के समान हो जाती है। सर्वसम्मति से हो, तो सबसे उत्तम। उसके अलावा भी और ‘विकल्प’ हैं। इन सब में जो भी उत्तम होगा वहीं कदम उठाना चाहिए।’
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने जहां विज्ञान भवन में अपने तीन दिन के प्रबोधन में उदार रूप बताया था। उसके बाद ही उन्होंने पुस्तकों के विमोचन समारोह में यह भी कहा कि यदि मंदिर नहीं बना तो महाभारत।
अभी हाल उन्होंने अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए पूजन किया। अब सुप्रीम कोर्ट ने टाइटिल सूट भूमि विवाद पर सुनवाई के लिए अगली तारीख जनवरी में तय की है। इसे लेकर अब उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा के नेता और संघ परिवार के लोग यह कहने लगे है कि अदालत ही नहीं, और भी तरीके हैं, अयोध्या में राममंदिर बनाने की राह सुगम करने के। जबकि कांग्रेस विपक्ष की इच्छा यही है कि इस विवाद का समाधान अदालत के जरिए हो, क्योंकि वही है देश हित में।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा,’ मैं चाहता हूं, यथा शाीध्र इसका समाधान हो जाए क्योंकि राम जन्मभूमि अयोध्या उत्तरप्रदेश में है। यूपी के अंदर कानून व्यवस्था का दायित्व हमारे ऊपर है। हम इस दायित्व को निभाएंगे।
राममंदिर निर्माण जल्द शुरू करने की मांग कर रहे साधु-संतों को उन्होंने सलाह दी है कि वे बेसब्र न हों। विपत्ति में व्यक्ति को धैर्य नहीं खोना चाहिए। स्थिर मन से आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (29 अक्तूबर) को आदेश दिया था कि राम जन्मभूमि -बाबरी मस्जिद भूमि विवाद की सुनवाई एक उचित बेंच को जनवरी के पहले सप्ताह में करनी चाहिए।