लोक सभा चुनाव पास आते ही राम मंदिर का मसला फिर सुलगने लगा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राम मंदिर को लेकर ”खुशखबरी” वाले ब्यान के एक दिन बाद आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर के शीर्घ निर्माण के लिए मोदी सरकार से अध्यादेश लाने या कानून बनाने की मांग की। सबसे दिलचस्प यह है की यह मसला अभी सुप्रीम कोर्ट में है और इस पर सुनवाई अब जनवरी में होनी है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बावजूद राम मंदिर को लेकर आरएसएस से लेकर मोदी सरकार में मंत्री तक धड़ल्ले से ब्यान देने में लगे हैं। अब गुरूवार को आरएसएस के संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य ने कहा कि ”सरकार को चाहिए कि राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण कर काम शुरू किया जाए और राष्ट्र के गौरव को बहाल करना चाहिए”।
ठाणे के भयंदर में संघ के एक सम्मलेन में वैद्य ने कहा कि यह राष्ट्रीय और सामाजिक महत्व से जुड़ा मुद्दा है जिस पर सम्मेलन के दौरान विचार-विमर्श किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि भागवत पहले ही मंदिर निर्माण की बकालत कर चुके हैं।
वैद्य ने कहा कि ये मामला मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम का नहीं है। कोर्ट ने पहले ही कह दिया है कि मस्जिद में नमाज़ पढ़ना जरूरी नहीं है। ”मंदिर तोड़ना और फिर मस्जिद बनाना कोई कानून नहीं है”। मंदिर मसले पर राहुल की तरफ से आरएसएस की आलोचना को लेकर वैद्य ने कहा इसमें कुछ नया नहीं है क्योंकि वह हमारे ऊपर हमेशा से हमला करते रहे हैं।
यहाँ यह महत्वपूर्ण है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी एक रोज पहले ही राम मंदिर को लेकर कह चुके हैं कि इस बार वह ”कोई खुशखबरी” लेकर ही अयोध्या जाएंगे। गौरतलब है कि इस बार फिर उन्होंने दिवाली अयोध्या में ही मानाने का ऐलान किया है।