सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की बातचीत बुधवार शाम पांच घंटे बाद खत्म हो गयी। इस बैठक में कुछ बिंदुओं पर सहमति बनी है, हालांकि मुख्य मुद्दे एमएसपी को लेकर मसला लटका है। अब अगली बैठक 4 जनवरी को होगी। किसानों में एक नेता ने बैठक के बाद कहा कि तीनों क़ानून वापस लेना उनकी मुख्य मांग है और इसे लेकर सरकार ने कुछ नहीं कहा है।
जानकारी के मुताबिक विज्ञान भवन में किसानों ने चार मुद्दे सामने रखे थे जिसमें से काम विवाद वाले दो मुद्दों पर सहमति बन गयी हालांकि दो बड़े मुद्दों पर सहमति बन नहीं पाई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक के बाद कहा कि दो मुद्दों पर सहमति हुई है जिनमें से एक पराली को लेकर और दूसरी बिजली कानून (अभी आया नहीं है) पर भी सहमती बनी है।
बैठक में मंत्रियों ने किसानों को आंदोलन खत्म करने की अपील की और 5 सदस्यीय कमेटी किसानों को बनाने को कहा। किसानों की मांग को मानते हुए सरकार ने बिजली 2020 विधेयक नहीं लाने पर सहमती जता दी। इसके अलावा सरकार का किसानों को भरोसा मिला है कि दिल्ली-एनसीआर के वातावरण को साफ रखने के लिए विधेयक से किसानों को बाहर रखा जाएगा, जिसमें किसानों को पराली जलाने पर एक करोड़ तक का जुर्माना रखने का प्रावधान है।
बैठक में किसान नेताओं ने एक सुर से कहा कि सरकार तीनों कृषि कानून रदद् करे।उन्होंने साफ़ कहा कि हम संशोधन नहीं क़ानून रद्द करवा कर ही वापस जाएंगे। सरकार ने कहा कि जिन बिंदुओं पर आपत्ति है उसपर सरकार विचार को तैयार है, हालांकि, लेकिन किसान नेता कह रहे हैं हमें संशोधन पर बात नहीं करनी है।
आज केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने किसानों के साथ बैठक के लंच ब्रेक के दौरान लंगर खाया।