किसानों के यह साफ़ कह देने कि मोदी सरकार के टीम कृषि कानूनों को ख़त्म करने से कम में वे कोई समझौता नहीं करेंगे, 40 किसान नेताओं के साथ दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार की बातचीत शुरू हो गयी है। अभी तक यह दोनों के बीच छठे दौर की बातचीत है। बैठक शुरू होने से पहल वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने भले कहा है कि आज बातचीत का नतीजा निकलने की उम्मीद है, किसान संगठनों ने साफ़ कर दिया है कि सरकार चाहती है कि आंदोलन खत्म हो, तो उन्हें तीनों कानून वापस लेने चाहिएं क्योंकि किसानों को कोई संशोधन नहीं चाहिए।
उधर भारतीय किसान युनियन के नेता राकेश टिकैत ने बुद्धवार को बड़ी बात यह कही है कि विपक्ष के नेता भी अब टेंट लगाकर सड़कों पर आंदोलन शुरू करें। उन्होंने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष की बहुत जरूरत है जिससे सरकार में डर पैदा हो। आज की बैठक में सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, खाद्य पीयूष गोयल, मंत्री सोम प्रकाश और कृषि सचिव और अन्य अधिकारी शामिल हैं।
फरीदकोट (पंजाब) के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने आज कहा – ‘इस बैठक से हमें तो ज़्यादा उम्मीद नहीं है लेकिन इस साल इस कानून पर फैसला हो जाए तो ये हमारे और सरकार के लिए अच्छा होगा। जब कानून रद्द होगा हम तभी यहां से जाएंगे वरना नए साल पर भी यही रहेंगे।’ किसान यूनियन (दाओबा) के मंजीत सिंह ने कहा – ‘अगर सरकार चाहती है कि आंदोलन खत्म हो, तो उन्हें तीनों कानून वापस लेने चाहिए. पीएम कहते हैं कि सरकार किसानों के साथ है, तो उन्हें हमारी मांग माननी चाहिए।’
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा – ‘हमें उम्मीद है सरकार को कुछ ज्ञान प्राप्त हुआ होगा। हमारा रुख सरकार की वजह से अड़ियल हुआ है, ये क़ानून सिर्फ कारोबारियों के फायदे वाला है। हम सिर्फ कानून वापसी पर चर्चा करेंगे। हमारी ओर से अब 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की तैयारी की जा रही है।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो इस समय विदेश के दौरे पर हैं, ने जाने से पहले ट्वीट करके कहा था कि सरकार किसानों के साथ बहुत बुरा सलूक कर रही है। उन्होंने कहा तीनों क़ानून वापस लिए बगैर किसान नहीं मानेंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे।