केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा झटका देते हुए कोविड के 18 महीने के दौरान रोके गए उनके डीए का भुगतान करने से इनकार कर दिया है। लोकसभा में
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी दी।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक स्वाक के जवाब में मंत्री ने साफ शब्दों में बकाया डीए देने से इनकार कर दिया। इससे कर्मचारियों को बड़ा झटका लगाए बैठे हैं जिन्हें यह बकाया मिलने की पूरी उम्मीद थी। वैसे भी कर्मचारी जनवरी के महंगाई भत्ते का इंतजार कर रहे हैं और माना जा रहा था होली से पहले सरकार यह घोषणा कर देगी। हालांकि, अभी यह घोषणा नहीं हुई है।
सरकारी कर्मचारियों को अभी भी इसका इंतजार है. माना जा रहा है कि बुधवार को होने वाली बैठक में डीए का मुद्दा आएगा और केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी निकलेगी. फिलहाल यह मुद्दा जस का तस है और कोई आधिकारिक जानकारी इसके बारे में बाहर नहीं आई है.
उधर सरकार ने अब यह साफ़ करके कि कोरोना महामारी के दौरान रोका गया केंद्रीय कर्मचारियों का 18 महीने का महंगाई भत्ता या डीए नहीं दिया जाएगा। लोक सभा में प्रश्न काल के दौरान सरकार ने यह जानकारी दी। सरकार ने यह भी बताया है कि इससे सरकार के 34,402.32 करोड़ रुपये बचें हैं जिसका प्रयोग महामारी से उबरने में किया गया।
याद रहे कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किश्तें नहीं दी गईं थीं। जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 का महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं दी गई। सरकार ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मौजूदा समय में बजट घाटा एफआरबीएम क़ानून के प्रावधानों की तुलना में दोगुना है इसलिए यह डीए देने का प्रस्ताव नहीं है।
जाहिर है करोड़ों कर्मचारियों को इससे बड़ा झटका लगा है और उनकी बकाया मिलने की उम्मीद पर पानी फिर गया है। बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक है और हो सकता है नए डीए को लेकर सरकार कोई फैसला करे।