पानीपत के बहुचर्चित समझौता ब्लास्ट मामले में बुधवार को विशेष एनआईए कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। ब्लास्ट मामले में स्वामी असीमानन्द, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजेंद्र चौधरी उर्फ राजेन्द्र पहलवान को कोर्ट ने बरी किया है।
ब्लास्ट के १२ साल बाद यह फैसला आया है। गौरतलब है कि १७ फरवरी, २००७ को पाकिस्तान जा रही समझौता एक्सप्रेस में पानीपत के पास ब्लास्ट हुआ और इसमें पांच भारतीय नागरिको समेत ६८ लोगों की जान चली गयी थी। मरने वालों में १६ बच्चे भी शामिल थे। यह हादसा इतना भीषण था कि १९ मृतकों की शिनाख्त तक नहीं हो पाई थी।
एनआईए ने मामले की जांच में आठ लोगों को आरोपी बनाया। इनमें स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, राजेंद्र चौधरी और कमल चौहान के खिलाफ यह मुकदमा एनआईए कोर्ट में चल रहा था, जबकि तीन आरोपी पहले ही भगोड़े करार दिए जा चुके हैं और एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
१८ फ़रवरी, २००७ को भारत-पाकिस्तान के बीच हफ़्ते में दो दिन चलनेवाली ट्रेन संख्या ४००१ अप अटारी (समझौता) एक्सप्रेस में दो आईईडी धमाके हुए जिसमें ६८ लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा रात ११.५३ बजे दिल्ली से क़रीब ८० किमी दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास हुआ था। धमाकों की वजह से ट्रेन में आग लग गई और इसमें महिलाओं और बच्चों समेत कुल ६८ लोगों की मौत हो गई जबकि १२ लोग घायल हुए।
याद रहे १९ फ़रवरी को जीआरपी/एसआईटी हरियाणा पुलिस ने मामले को दर्ज किया और क़रीब ढाई साल के बाद इस घटना की जांच का ज़िम्मा २९ जुलाई, २०१० को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को सौंपा गया।