नई दिल्ली में तेरह फरवरी का दिन खासा व्यस्त रहा। विपक्षी एकता के लिहाज से खासा काम हुआ। कांग्रेस, तृणमूल, वामपंथी दल, द्रमुक, तेलुगु देशम और कई और दल एक साथ आए। पश्चिम बंगाल में कोलकाता के बाद नई दिल्ली में ‘भारत एक रखो’ के तहत विपक्षी दलों की यह दूसरी रैली थी। इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के घर पर राय मश्विरा किया। एकजुटता का संकल्प लिया।
सभी दलों के नेतओं में इस बात पर सहमति बनी कि सब को एक होकर हाल-फिलहाल देश को बचाना है। सभी विपक्षी दलों में इस मुद्दे पर एकता होगी। राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल इस पर काम करेंगे। अगली बैठक अब 26 फरवरी को होगी। विपक्षी दलों की नियमित बैठकों पर भाजपा नेतृत्व के एनडीए में खासी बेचैनी है। राहुल गांधी ने कहा, यह नई शुरूआत है। भाजपा को हारने के लिए हम जनता के बीच जाएंगे । सारी बात बात बताएंगे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रैली में कहा, आज सबसे बड़ा संकट देश को बचाने का है। देश को मंदिर-मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा के नाम पर बटाने आपसे में लड़ाने का नहीं होना चाहिए। जो भाजपा ने किया है। बदले की कार्रवाई में ये लोग सीबीआई के लोगों को भेजते हैं। सबको परेशान करते हैं। लेकिन मैं डरती नहीं। कितनी भी सीबीआई लगा दो। मैं सबको उनकी पसंद का वेज, और नॉन वेज खिलाऊँगी। लेकिन आपके अत्याचार के खिलाफ लडूंगी। मैं तो वाम मोर्चा, कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ती रही हूूं। यह लड़ाई हम बाद में भी लड़ लेंगे। लेकिन अभी देश बचाना है। देश को मोदी-शाह से बचाना है । ये लोग अब सिंह हो गए है । इनके हाथ खून से सने हैं।
रैली में वामपंथी दलों के नेता, राष्ट्रीय लोकदल और समाजवादी पार्टी के नेता भी थे। ये कोलकात रैली में नहीं पहुंच पाए थे। इनके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू थे। भाजपा नेता और प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों आंध्रप्रदेश में नायडू और उनके परिवार और मुख्यमंत्री के रूप में उनके काम काज पर जो कुछ कहा था उस पर नायडू नई दिल्ली में सार्वजनिक तौर पर अपना प्रतिवाद जताया और धरने पर बैठे थे।
रैली में चंद्रबाबू नायडू, नेशनल कांफ्रेस के नेता फारूख अब्दुल्ला लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, द्रमुक की कनीमोझी, अरूणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री गोगांग अपांग जिन्होंने पिछले ही महीने नागरिकता कानून के मामले पर भाजपा से इस्तीफा दिया, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा और सपा के नेता रामगोपाल यादव थे।
फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि पहले भाजपा को हराओ फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी के बारे में सोचो। ममता बनर्जी ने कहा, विपक्ष जहां मजबूत है वहां की अपनी सीट फिर जीते और दूसरी जगहों पर भी लड़ाई तेज करे। अरविंद दिल्ली की सीटें, चंद्रबाबू आंध्र में और सपा-बसपा रालोद उत्तरपद्रेश में।
कांग्रेस की ओर से रैली में आनंद शर्मा ने कहा कि आश्चर्य है कि सीबीआई और ईडी एजेंसी कभी भाजपा नेताओं के खिलाफ छापे नहीं डालते। उनसे पूछताछ नहीं करती। भाजपा नेतृत्व की एनडीए सरकार ने तमाम लोकतांत्रिक संस्थाओं को स्तरहीन बना दिया है।
मोदी पर नायडू ने कहा, कि यह देश पड़े लिखे लोगों का देश है। जिन्होंने तकनॉलॉजी में बहुत काम किया है। समस्या यह है कि प्रधानमंत्री खुद ज़्यादा पढ़े-लिखे नहीं है। मैंने उनसे पूछा कि उन्होंने डिग्री कहां से ली तो उन्होंने बात टाल दी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपीए की सरकार के खिलाफ भी इसी जंतर मंतर पर हवा बंधी थी। जनता फिर अब भाजपा के नेतृत्व की एनडीए सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने की मांग कर रही है।
स्वामी अमितानदंन दानंद सरस्वती