सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ही नए भारत की कल्पना : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरूवार सुबह संसद के साझे सदन को संबोधित करते हुए अपने अभिभाषण में कहा कि नए भारत की परिकल्पना सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से प्रेरित है।
राष्ट्रपति ने अभिभाषण की शुरुआत में चुने गए सभी सांसदों को बधाई दी। राष्ट्रपति ने कहा कि ६१ करोड़ वोटरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया और देश का मान बढ़ाया है। चुनाव में महिलाओं की भागीदारी भी पुरुषों के बराबर रही है। राष्ट्रपति ने लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिड़ला को भी बधाई दी।
राष्ट्रपति के साथ उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के लोगों ने मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लंबे समय तक इंतजार किया, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं। देश के हर व्यक्ति को सशक्त करना मेरी सरकार का ध्येय है।
राष्ट्रपति ने कहा – ”हम अब मूलभूत आवश्यकताओं को पूरी करते हुए सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सशक्त, सुरक्षित और सर्वसमावेशी भारत के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है। नए भारत की परिकल्पना सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से प्रेरित है।”
कोविंद ने कहा कि साल २०२२ में आजादी के ७५वें साल में अब नए भारत के कई लक्ष्य हासिल कर चुके होंगे। नए भारत के पथ पर शहरी भारत और ग्रामीण भारत दोनों का विकास होगा। ”मेरी सरकार ने २१ दिन के कम समय में ही किसान, जवान, महिलाओं के लिए काम करना शुरू कर दिया है।”