लोक सभा चुनाव में सपा से प्यार की पींगें बढ़ाकर बसपा ने भले जो नतीजा हासिल किया हो, अब वे अकेले चलना चाहती हैं। इसका मायावती ने बाकायदा ऐलान कर दिया है। ट्वीट करके बसपा प्रमुख ने कहा – ”अब छोटे-से-छोटा चुनाव भी बसपा अपने दम पर लड़ेगी।”
मायावती ने अपनी कुछ नाराजगियां भी सपा से जाहिर की हैं। एक तो यह कि नतीजों के बाद सपा अध्यक्ष (अखिलेश यादव) ने उन्हें फोन तक करना उचित नहीं समझा। एक किया भी तो उनकी पार्टी के एक पदाधिकारी को ही। मायावती ने लिखा – ”लोकसभा चुनाव के बाद सपा का व्यवहार बसपा को यह सोचने पर विवश कर रहा है कि ऐसा चलता रहा तो आगे भाजपा को हरा पाना मुमकिन होगा। जो मुमकिन नहीं है। इसलिए यह फैसला किया गया है कि अब सभी चुनाव हम अपने बूते पर लड़ेंगे।”
बसपा प्रमुख मायावती का यह ब्यान यूपी की राजनीति के लिहाज से बहुत मायने रखता है। याद रहे लोकसभा चुनाव से पहले सपा में बहुत से नेताओं को आशंका थी कि बसपा प्रमुख सपा को चुनाव में अपना ”अस्तित्व बचाये रखने” के लिए इस्तेमाल भर कर रही हैं। अब मायावती ने सपा से तमाम रिश्ते तोड़ने का ऐलान कर दिया है।
यूपी की राजनीति के बड़े जानकारों के मुताबिक मायावती के आरोप के विपरीत सच यह था कि सपा का वोट तो बसपा को चला गया लेकिन बसपा का वोट सपा को नहीं गया। इसका सपा को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा है। अखिलेश ने बसपा के खेल को नतीजों के बाद ही समझा इसलिए उनका रुख बसपा के प्रति बहुत ठंडा रहा।
अब मायावती ने जो ट्वीट किया है उसके मुताबिक अब से बसपा कोई भी छोटा-बड़ा चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने लिखा – ”पार्टी और मूवमेंट की भलाई के लिए अब बसपा आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने दम पर ही लड़ेगी।”
बसपा की कल लखनऊ में ढाई घंटे बैठक हुई थी जिसमें यह सब फैसले किये गए और मायावती ने ट्वीट कर आज इनकी जानकारी दी। पार्टी की राज्यवार बैठकों का दौर तो देर रात तक चलता रहा। मायावती ने कहा – ‘’सभी जानते हैं कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ साल २०१२ से २०१७ में सपा सरकार के बसपा और दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों और बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को पीछे रख करके देश और जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया। लेकिन, लोकसभा चुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर विवश कर रहा है कि ऐसा चलता रहा तो आगे बीजेपी को हरा पाना मुश्किल होगा।”
सपा से मायावती का मोह भंग
बोलीं, अब अपने दम पर ही आगे बढ़ेगी बसपा