75 साल से भी ज़्यादा उम्र के एक बुजुर्ग र्काकार हैं अमिताभ बच्चन, जिन्हें बुजुर्ग कह दो, तो सारी दुनिया एक सुर में चिल्लाकर जवाब देती है- बुड्ढा होगा तेरा बाप।
ऐसा होना स्वाभाविक भी है; क्योंकि अमिताभ के पास ऐसी स्फूर्ति, लगन और सकारात्मकता है कि वे वृद्ध होने के फ्रेम में बिलकुल फिट नहीं होते। हालाँकि जब बच्चन खुद कहने लगें कि उन्हें रिटायर हो जाना चाहिए, तो चर्चा होनी स्वाभाविक है। पिछले दिनों अमिताभ बच्चन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि दिमाग कुछ और सोच रहा है और अंगुलियां कुछ और, यह एक मैसेज है। मुझे रिटायर हो जाना चाहिए।
ब्रह्मास्त्र की शूटिंग के लिए जाने से ऐन पहले उन्होंने ये बात कही। यूँ तो ज़्यादा काम के बोझ से जब दिमाग थक जाए, तो कोई ऐसी बात लिख ही सकता है- इसमें ज़्यादा तर्क वितर्क का स्थान नहीं होता। लेकिन जब बात बच्चन की हो तो बात वहाँ भी निर्क आती है, जहाँ दरअसल कोई बात नहीं होती।
यूँ, ऐसी चर्चा का एक आधार यह भी है कि कुछ अरसा पहले बच्चन को अस्पताल में दािखल होना पड़ा था। उस समय बॉलीवुड के गॉसिपबाज़ों ने अफवाह काफी तेज़ कर दी थी कि मिस्टर बच्चन की तबीयत खराब है और उन्हें िफल्मों में काम न करने की ताकीद दी गयी है। सभी जानते हैं कि मिस्टर बच्चन रेगुलर हेल्थ चेकअप के लिए अस्पताल में दािखल हुए थे। लेकिन गॉसिप के बादशाहों की करामात पर किसका कंट्रोल है। इत्तेफाक कुछ ऐसा रहा कि मिस्टर बच्चन ने ऐसी ही चर्चाओं के बीच सोशल मीडिया पोस्ट भी कर दी। दरअसल, बच्चन स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से लगातार जूझते रहे हैं और यह भी कहा जाता है कि वे काम के आगे सेहत की ज़्यादा परवाह नहीं करते इन सब चीज़ों, तथ्यों और चर्चा के बीच सच किसे माना जाए?
बिग बी के करीबी लोगों का कहना है कि अपने स्वास्थ्य के मद्देेनज़र बड़े बच्चन छोटा-सा ब्रेक लेने की, तो फिर भी सोच सकते हैं; लेकिन यह सम्भव नहीं है कि वह रिटायरमेंट ले लें। ऐसा न करने के पीछे कई कारण हैं, जिनकी चर्चा हम बाद में करेंगे। पहले यही समझ लें कि बच्चन के पास िफलवक्त इतने प्रोजेक्ट हैं कि वे नयी िफल्में न भी साइन करें, तब भी रनिंग प्रोजेक्ट्स पूरे करने, उनकी रिलीज और प्रमोशन में उन्हें कम-से-कम ढाई साल का वक्त लग जाएगा। सभी जानते हैं कि वे बेहद प्रोफेशनल हैं और अपने वादे पर हर हालत में खरे उतरते हैं।
िफलहाल बच्चन के करियर में वह वक्त चल रहा है, जबकि वे सफलता-असफलता, बॉक्स ऑफिस पर करेक्शन के दबाव, स्टारडम, चूहा दौड़ जैसी चीज़ों से ऊपर उठ चुके हैं। वे िफल्मों के टिॢपक मसाला हीरो नहीं रह गये हैं; लेकिन उससे आगे जिस िफल्म में वे होते हैं, उसमें नायक-नायिका से अलग और अहम पहचान उन्हीं की होती है। हर अभिनेता की ख्वाहिश यही होती है कि वह हर फ्रेम से बाहर निकल जाए और जबकि अब अमिताभ बच्चन के जीवन में वही दौर चल रहा है। तब वे यकायक रिटायरमेंट की क्यों सोचने लगेंगे। एक और बात है कि अमिताभ बच्चन को महज़ खुद से चुनौती का सामना करना है। हर नयी िफल्म के साथ उन्हें अपने आपसे सवाल करना होता है कि नयी िफल्म में और नया क्या करना है।
अपनी राजनीतिक रुचियों और कभी मोदी, तो कभी मुलायम (और पूर्व में कांग्रेस) से नज़दीकियों के चलते अमिताभ तरह-तरह की आलोचनाएँ झेलते रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अमिताभ को उनके कथित आत्मकेन्द्रित स्वभाव के ताने मारे जाते रहे हैं और िकस्म-िकस्म के विवादों में घिरना पड़ा है। एक िफल्म पत्रकार से निजी बातचीत में अमिताभ कह भी चुके हैं कि मैं आलोचना के लिए हमेशा तैयार रहता हूँ।
करियर की बात पर लौटें, तो हम पाएँगे कि इन दिनों अमिताभ बच्चन जिन एंबिशस प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे हैं, उनमें चेहरे खास है। इसमें उनके साथ इमरान हाशमी और अन्नू कपूर की प्रमुख भूमिकाएँ हैं। वहीं अरसे बाद रघुवीर यादव, सिद्धांत कपूर, रिया व धृतमान चक्रवर्ती भी दिखेंगे। इस थ्रिलर की कथा कुछ दोस्तों की है, जो साइकोलॉजिकल खेल खेलते हुए खास परिस्थितियों में उलझ जाते हैं। शिमला के एक बंगले के बैकड्रॉप में शूट इस िफल्म में अमिताभ बच्चन वकालत छोड़ चुके एक अधिवक्ता का िकरदार निभा रहे हैं। ज़ाहिर है कि इस िकरदार को लेकर अमिताभ काफी उत्साहित हैं। इस िफल्म को लेकर यह सूचना भी मिली है कि अमिताभ क्लाइंमेक्स के एक दृश्य की शूटिंग के लिए डायरेक्टर की कुर्सी सँभाल सकते हैं। ‘गुलाबो सिताबो’, ‘तेरा यार हूँ मैं’, ‘ब्रह्मास्त्र’ जैसे अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की चर्चा भी खूब है। ब्रह्मास्त्र में रणबीर कपूर के साथ आलिया भट्ट, मौनी रॉय और हुसैन दलाल अमिताभ के साथ हैं। शाहरुख का कैमियो है। शुजीत सरकार की ‘गुलाबो सिताबो’ में अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना साथ हैं। ‘झुंड’ को लेकर अमिताभ के अलावा, दर्शक भी एक्साइटेड हैं। आँखें के सीक्वल की चर्चा भी है। ‘उयारंधा मणिथन’ (तेरा यार हूँ मैं) के बारे में काफी बातें हो चुकी हैं।
याद दिला दें, हाल में ही अमिताभ बच्चन ने सिनेमा उद्योग में 50 साल पूरे किये हैं। भविष्य रोचक, उत्साह भरे महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स से भरपूर है…। आप ही बताएँ, क्या मुकद्दर का यह सिकंदर बैक टु पवेलियन हो सकता है। बिलकुल नहीं। हाँ, इस बात की सम्भावना है कि अमिताभ बच्चन कुछ वक्त का ब्रेक ले लें, जैसा वो पहले भी दो बार कर चुके हैं (शहंशाह की रिलीज़ से पहले, चुनाव लडऩे के लिए और एबीसीएल के घाटे में जाने के वक्त पर), ऐसे ही इस बर स्वास्थ्य को सुधारने के लिए। लेकिन यह तय है कि अमिताभ न तो दीर्घकालिक अवकाश पर जाने वाले हैं, न ही सेवानिवृत्ति की योजना बना सकते हैं।