31 दिसंबर को सेना प्रमुख का पद संभालने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए। जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर हमारा है। पाकिस्तान के कब्जे वाला (पीओके) भी भारत का ही हिस्सा है। अगर देश की संसद यह संकल्प पारित करती है कि पीओके हमारा होना चाहिए और इस बारे में संदेश मिला तो हम उचित कार्रवाई करेंगे। पाकिस्तान और चीन की सीमा पर सुरक्षा बल को फिर से संतुलित करने की आवश्यकता है। हमें उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर समान ध्यान देने की जरूरत है। यहां पर अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे।
एलओसी पर पाकिस्तान सेना और आतंकियों द्वारा दी गई धमकी पर जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने कहा कि सेना बेहद सक्रिय है। खुफिया अलर्ट को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं। इन अलर्ट के कारण ही हम बैट जैसे हमलों को नाकाम कर देते हैं।
कश्मीर में तैनाती के दौरान सैन्य अधिकारियों के खिलाफ मिलने वाली शिकायतों पर सेना प्रमुख ने कहा- सीमाओं पर तैनात कमांडर के फैसले का सम्मान करना होगा। जो भी शिकायतें सामने आई हैं, वे निराधार साबित हुई हैं। दो दिन पहले ही सेना प्रमुख दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध पहुंचे थे और जवानों का हौसला बढ़ा चुके हैं।
जनरल नरवणे कहते हैं कि सियाचिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। उसकी निगरानी के लिए पश्चिमी और उत्तरी मोर्चे का गठन किया गया है। रणनीतिक रूप से यह क्षेत्र हमारे लिए महत्वपूर्ण है।
सुरक्षा बल में अधिकारियों की कमी पर सेना प्रमुख ने कहा- अधिकारियों की कमी है, लेकिन ऐसा नहीं है कि इसके लिए आवेदन करने वाले लोगों की कमी है। हमने चयन प्रक्रिया में मानक स्तर को कम नहीं होने दिया है। सेना में महिलाओं की उपस्थिति पर सेना प्रमुख ने कहा कि 6 जनवरी से 100 महिला बलों के एक दल ने प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है।
जनरल बोले, तीनों सेनाओं में तालमेल बेहद जरूरी है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) इस क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। हमारा यही फोकस होता है कि सामने जो भी चुनौतियां आएं भविष्य में हम उनके लिए तैयार रहें। संविधान के प्रति निष्ठा हमारा मार्गदर्शक होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम संविधान में निहित न्याय, आजादी, समानता और भाईचारे को आधार बनाकर ही आगे बढ़ेंगे।