कांग्रेस विजय माल्या मामले में भाजपा सरकार के खिलाफ पूरी तरह आक्रमक हो गयी है। भाजपा प्रवक्ता ने पहले आरोप लगाया कि कांग्रेस राहुल गांधी के लन्दन दौरे और माल्या के कनेक्शन पर सफाई दे लेकिन इसके कुछ मिनट बाद ही खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रेस के सामने आये और सवाल किया कि जेटली साफ़ करें कि क्या उनपर ”ऊपर से” दवाब था जिसके चलते उनकी जानते जुए भी ”ऑफेंडर माल्या” से मुलाकात हुई या उन्होंने यह जानकार भी कि वो लन्दन भागने वाला है फिर भी एजेंसियों को इस बारे में सूचित नहीं किया।
कांग्रेस ने दावा किया कि जेटली और माल्या के बीच संसद भवन परिसर में १५-२० मिनट तक बात हुई थी लिहाजा उस दिन की सीसीटीवी फुटेज जनता के सामने जाहिर की जाये। प्रेस कांफ्रेंस में राहुल के साथ पीएल पुनिया भी थे जिन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपनी आँखों से माल्या-जेटली को १५-२० मिनट तक गुफ्तगू करते देखा था।
गुरूवार को पहले भाजपा के तेजतर्रार प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लन्दन यात्रा माल्या मामले से जुडी है। उन्होंने कुछ दस्तावेजों के जरिये यह भी प्रमाणित करने की कोशिश की कि वास्तव में माल्या को कांग्रेस सरकार के समय से संरक्षण रहा है। उनहोंने राहुल को चुनौती दी कि वे हिम्मत है तो प्रेस कांफ्रेंस करके उनकी आरोपों का जवाब दें। संबित ने गांधी परिवार पर माल्या को आशीर्वाद देने का आरोप लगया था।
लेकिन १५ मिनट भी नहीं बीते थे कि खुद राहुल गांधी प्रेस कांफ्रेंस करने आये और जेटली पर कई आरोप लगाए। राहुल ने सवाल किया कि खुद स्वीकार कर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है की वे ”चलते फिरते” माल्या से मिले। राहुल ने सवाल किया कि जब जेटली को माल्या ने बताया कि वे लन्दन जा रहा है तो जेटली ने इस पर चुप्पी क्यों साध ली। ”क्यों नहीं उन्होंने” सरकारी एजेंसियों को इसकी जानकारी दी ? राहुल ने जेटली से पूछा – ”क्या आपपर ऊपर से किसे तरह का दवाब था।”
पुनिया ने प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि उस दिन उनहोंने अपनी आँखों से जेटली और माल्या को १५-२० मिनट तक संसद परिसर के एक कोने में गुफ्तुगू करते देखा था। ”इसके बाद दोनों बेंच पर बैठ गए।” उधर राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस में जेटली के इस्तीफे की मांग दोहराई और कहा कि उन्हें सच बताना चाहिए।