मीनाक्षी भट्टाचार्य
आज संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) ने शीतकालीन सत्र की सिफारिश कर दी है। इस कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की है। संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में CCPA की जो बैठक हुर्इ थी उसमें शीतकालीन सत्र की सिफारिश की गर्इ थी। ‘इस सत्र के दौरान कुल 19 दिन काम होगा, लोकसभा और राज्यसभा के सत्र साथ-साथ चलेगें। साथ ही संसद में कोविड प्रोटोकॉल को लेकर इस हफ्ते बैठक हो सकती है’ आगामी हफ्तों में संसद चलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा अध्यक्ष के बीच बैठकें होने का भी अनुमान है।
देश में इस वक्त कोरोना महामारी के मामले काफी नियंत्रण में होने के बावजूद संसद सत्र सुचारू रूप से चलाने के लिए कोरोना नियमों में मानसून सत्र की तरह ही सख्ती बरती जाएगी। बीते वर्ष कोरोना महामारी के कारण शीतकालीन सत्र नहीं हो सका था, फिर बाद में शीतकालीन सत्र को मानसून सत्र के साथ मिला दिया गया था।
शीतकालीन सत्र को इस वजह से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि, कुछ ही महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले है, इन राज्यों में उत्तर प्रदेश भी शामिल है, साल 2022 को राजनीतिक महल भाजपा का 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी कह रहे है। इस सत्र में लगभग 19 बैठक होने की संभावना है और यह क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाएगा।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में वित्तीय क्षेत्र से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक भी ला सकती है जिसकी घोषणा बजट में हुई थी, इनमें से एक विधेयक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को सुगमता से पूरा करने से संबंधित है। इसके अलावा सरकार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली न्यास (एनपीएस) को पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) से अलग करने के लिए पीएफआरडीए, अधिनियम, 2013 में संशोधन का विधेयक भी ला सकती है, इससे पेंशन का दायरा व्यापक हो जायेगा।
सूत्रों के मुताबिक, संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में सरकार बैंकिंग नियमन अधिनियम, 1949 में संशोधन संबंधी विधेयक ला सकती है। इसके अलावा बैंकों के निजीकरण के लिए बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण और उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1970 और बैंकिंग कंपनीज (अधिग्रहण एवं उपक्रमों का स्थानांतरण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करने की जरूरत होगी। इन कानूनों के जरिये जो दो चरणों में बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था अब बैंकों के निजीकरण के लिए इन कानूनों के प्रावधानों में भी बदलाव करने की जरूरत है।
शीतकालीन सत्र के दौरान संसद परिसर में एंट्री करने वालों को हर वक्त मास्क लगाए रखना होगा, साथ ही सबका कोविड टेस्ट भी किया जा सकता है। महामारी के कारण पिछले सत्र के दौरान बेहद सीमित लोगों को ही परिसर के अंदर जाने की छूट दी गई थी। सांसदों के सचिवों और पूर्व सांसदों को भी एंट्री नहीं दी गई थी। संसद का आखिरी सत्र 19 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक चला था।