कुंभ में साधू-संतों की संसद ने १० फरवरी के बाद अयोध्या कूच का ऐलान किया है। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि २१ फरवरी को राम मंदिर के लिए पहली ईंट रख दी जाएगी। वैसे गुरूवार को विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) की बैठक अभी होनी है और उसमें क्या फैसला होगा, अभी कहना मुश्किल है।
एक महीने से राम मंदिर का फिर सुलग उठा है। लोक सभा चुनाव से पहले इस मसले के उठाने से विपक्ष को लग रहा है कि भाजपा इस मुद्दे के पीछे है ताकि उसका चुनावी लाभ उठाया जा सके। बुधवार को प्रयागराज कुंभ की धर्म संसद में राम मंदिर को लेकर एक प्रस्ताव पास किया गया जिसके मुताबिक शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने एलान किया है कि साधु-संत दस फरवरी के बाद अयोध्या कूच करेंगे और २१ फरवरी को राम मंदिर की पहली ईंट रखेंगे।
संतों की इस एक धर्म संसद के बाद गुरूवार को विहिप संसद होगी जिसमें होने वाले फैसले पर सबकी नजर रहेगी। आज की धर्म संसद में कहा गया है कि १० फरवरी यानी बसंत पंचमी के बाद साधु संत प्रयागराज से अयोध्या के लिए कूच करना शुरू करेंगे और २१ फरवरी को राम जन्मभूमि में पहली ईंट रखी जाएगी।
बुधवार की धर्म संसद में पारित प्रस्ताव को पढ़ते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अगर कोई राम मंदिर का शिलान्यास करने से रोकेगा तो गोली खाने को भी तैयार हैं। बता दें कि राम मंदिर निर्माण में हो रही देरे को देखते हुए कुंभ मेले में सोमवार को परम धर्म संसद की शुरुआत हुई थी जिसमें साधू-संतों के राम मंदिर निर्माण के लिए उनकी आगे की रणनीति तैयार की जानी थी। धर्म संसद का आज आखिरी दिन है। गौरतलब है कि राम मंदिर निर्माण का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।