भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ४ ने बुधवार को तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से संचार उपग्रह जीसैट २९ सफलता पूर्वक लांच कर दिया। अंतरिक्ष क्षेत्र में यह भारत की एक बड़ी उपलब्धि है।
दागे जाने के करीब १६ मिनट में ही जीएसएलवी-एमके ३ उपग्रह पृथ्वी से करीब ३६ हजार किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित हो गया। मौसम की स्थितियों को देखते हुए प्रक्षेपण के लिए सभी मौसम के अनुकूल लॉन्चिंग पैड और प्रक्षेपण यान उपलध रहेगा। इसे जम्मू कश्मीर और नार्थ ईस्ट के ऊपर स्ट्रैटेजिक दृष्टि से भी अहम् माना जा रहा है।
इसे भारतीय वैज्ञानिकों की विज्ञान क्षेत्र में बड़ी सफलता माना जा रहा है। इसरो का इस साल का यह पांचवां सफल लांच है। मुख्य रूप से जीसैट-२९ हाईथ्रोपुट कम्युनिकेशन उपग्रह है, जो जम्मू कश्मीर और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसमें उपयोग किए जा रहे पेलॉड्स डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में मजबूती प्रदान करेंगे। यह उपग्रह जम्मू- कश्मीर के साथ उत्तर-पूर्वी राज्यों को बेहतर सेवा मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे इन क्षेत्रों में इंटरनेट भी हाई स्पीड में चलेगा।
मौसम विभाग ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान ‘गाजा’ को देखते हुए तेज बारिश की चेतावनी जारी की थी लिहाजा इसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने नज़र रखी थी। हालाँकि चार टन भार ले जा सकने की क्षमता वाला जीएसएलवी-एमके ३-डी२ रॉकेट सफलता पूर्वक कक्षा में छोड़ दिया गया।
इसरो अध्यक्ष के सिवन ने कहा कि जीसैट-२९ में इसरो काफी नए प्रयोग करने जा रहा है। ऑपरेशनल पेलॉड्स के अलावा यह उपग्रह तीन प्रदर्शन प्रौद्योगिकियों, क्यू ऐंड वी बैंड्स, ऑप्टिकल कम्युनिकेशन और एक हाई रेजॉल्यूशन कैमरा भी अपने साथ ले गया है। स्पेस मिशन में इसरो ने पहली बार इन तकनीकों का परीक्षण किया है।