गंभीर आर्थिक संकट से दो-चार श्रीलंका में विपक्ष ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार में शामिल होने की अपील को ठुकरा दिया है। उधर देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं। इधर भारत ने श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने में मदद के लिए वित्तीय सहायता के रूप में एक बिलियन यूएस डालर क़र्ज़ के रूप में देने की घोषणा की है।
आर्थिक संकट में विपक्ष को सरकार में जोड़कर गोटबाया साझे रूप से निकलने की दलील दे रहे थे इसे दिखावा बताते हुए सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है। विपक्ष ने यह कहते हुए कि जनता संकट से गुजर रही है, सरकार से जनता के लिए भोजन, ईंधन और दवाओं की बिगड़ती स्थिति को देखते इस्तीफे की मांग की है।
राष्ट्रपति राजपक्षे ने पूर्ण मंत्रिमंडल की नियुक्ति होने तक, ताकि संसद की वैधता और स्थिरता बनी रहे, के लिए चार मंत्रियों को नामित किया है। इस बीच श्रीलंका में शनिवार को लगाया गया 36 घंटे का कर्फ्यू हटा लिया गया है, हालांकि,देश में इमरजेंसी अभी भी जारी है। पश्चिमी राजनयिकों ने, हालांकि, आपातकालीन कानूनों के उपयोग पर चिंता जताई है।
हाल के संकट के बाद देश में राष्ट्रपति राजपक्षे परिवार के खिलाफ नाराजगी बढ़ी है। वहां सार्वजनिक आंदोलन जारी है जिसमें सत्तारूढ़ लोगों से इस्तीफे की मांग की जा रही है।