भारत के अपने स्वतंत्रता दिवस पर सोमवार को श्रीलंका को एक डोर्नियर समुद्री टोही विमान उपहार में देने के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने भारत की तरफ से संकट में मदद देने के लिए भी भारत सरकार का आभार जताया है।
विक्रमसिंघे ने श्रीलंका में डोर्नियर समुद्री टोही विमान उपहार के लिए हुए एक समारोह में भारत के स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ का जिक्र करते हुए कहा – ‘मैं देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के प्रसिद्ध ‘नियति से वादा’ भाषण से प्रेरित हूँ, जो भारत की आजादी की पूर्व संध्या पर 14 अगस्त, 1947 को दिया गया था।’
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा – ‘पंडित नेहरू का तय किया गया आगे का रास्ता दिखा रहा है। भारत ने इसे समझा और आज वह विश्व शक्ति बन रहा है, और यह अब भी उत्थान पर है। मध्य शताब्दी तक जब हम वहां नहीं हैं, तो आप एक शक्तिशाली भारत देख सकते हैं जो वैश्विक मंच पर प्रमुख भूमिका निभा रहा है।’
विक्रमसिंघे ने कहा कि नेहरू ने श्रीलंका को संयुक्त राष्ट्र का हिस्सा बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई थी और पूरा सहयोग दिया था। उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि रहे वी कृष्ण मेनन ने विक्रमसिंघे के पिता की मदद की थी। विक्रमसिंघे ने कहा कि वह उभरते हुए श्रीलंकाई नेताओं को सलाह देना चाहेंगे कि वे अपने भारतीय सहयोगियों को अच्छी तरह से जानें।
भारत की तरफ से श्रीलंका को उपहार में दिया डोर्नियर समुद्री टोही विमान दिया द्वीप राष्ट्र को अपने जलक्षेत्र में मानव और मादक पदार्थों की तस्करी और अन्य संगठित अपराधों जैसी कई चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाएगा। विक्रमसिंघे ने अपने देश को डोर्नियर विमान उपहार में दिए जाने पर भारत का आभार व्यक्त किया।
इसे लेकर रखे एक समारोह में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा’- ‘भारत के साथ सहयोग के अन्य क्षेत्रों के परिणामों की तरह श्रीलंका की वायुसेना को डोर्नियर प्रदान करना प्रासंगिक है और समुद्री सुरक्षा की उसकी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। यह भारत की उसके मित्रों की शक्ति बढ़ाने की क्षमता का उदाहरण है।’