चीन में शुरू हुए और अब कई देशों में पहुंच चुके कोरोना वायरस का असर दुनिया भर के शेयर बाजार पर दिखा है और शुक्रवार को इसमें बड़ी गिरावट देखी गयी है। भारत, अमेरिका सहित एशिया का शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुला है।
शुक्रवार को हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन दुनियाभर के बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका का शेयर मार्केट २००८ के बाद सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। इससे पहले अमेरिका शेयर मार्केट २००८ की भयंकर मंदी के दौर में सबसे बुरे दौर से गुजरा था। डाउजोंस में एक दिन में सबसे बड़ी १,१९१ अंक की गिरावट दर्ज की गई।
शुक्रवार को जापान का निक्केई ३.०८ फीसदी लुढ़का जबकि हैंगसैंग इँडेक्स १.९८ फीसदी, शांघाई कम्पोजिट इंडेक्स ३,.३ फीसदी नीचे आया। गुरुवार को डाओ जोन्स चार फीसदी से ज्यादा लुढ़का था।
डाउजोंस चार फीसदी टूट गया। आज खुलते ही सेंसेक्स १००० अंक टूट चुका है। निफ्टी २५१.३० अंक लुढ़क चुका है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स के सभी ३० शेयर आज लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं निफ्टी ५० में भी कोई स्टॉक हरे निशान पर कारोबार नहीं कर रहा है। बीएसई का बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स ६५८.१९ अंकों की भारी गिरावट के साथ ३९०८७.४७ पर खुला। सुबह खुलते ही यह गिरावट करीब-करीब १००० अंकों तक पहुंच गई।
सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान पर दिखे जबकि निफ्टी में भी करीब २.५ फीसदी की गिरावट दिखी। इंडेक्स ११,३८२.०० पर खुला। शुरुआत के पांच मिनट में ही सेंसेक्स १००० अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ ३८,६६१.८१ के ”लो” पर देखा गया था। सेंसेक्स के सभी शेयर लाल निशान पर दिखाई दिए। सबसे ज्यादा गिरावट टेक महिंद्रा और टाटा स्टील के शेयरों में देखने को मिली।
जहाँ तक निफ्टी की बात है तो वहां भी ५० शेयरों में से कोई भी शेयर हरे निशान पर नहीं दिखा। सबसे ज्यादा गिरावट की टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, वेदांता और बजाज फाइनैंस आदि में दिखी।
उधर वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव गुरुवार को चार प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया। कारोबारियों को आशंका है कि कोरोना वायरस का असर खासतौर से प्रमुख उपभोक्ता देश चीन से कच्चे तेल की मांग पर पड़ सकता है। अप्रैल डिलिवरी के लिये ब्रेंट कच्चे तेल का भाव ४.२ फीसदी लुढ़ककर ५१.२० डॉलर प्रति बैरल जबकि न्यूयार्क का डब्ल्यूटीआई (वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट) कच्चे तेल का भाव इसी महीने के लिये करीब पांच फीसदी टूटकर ४६.३१ डॉलर पर आ पहुंचा।