यह दिलचस्प ही है कि पूर्व कांग्रेस सरकार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के ”ड्रीम प्रोजेक्ट” के उदघाटन पर सत्तारूढ़ आप और विपक्षी भाजपा के नेता आपस में भिड़ गए। शीला दीक्षित तो इस उदघाटन कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं थीं लेकिन आप और भाजपा ने ”सिग्नेचर ब्रिज” के बनने का श्रेय लेने की होड़ ज़रूर दिखी। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इसका उदघाटन किया।
यमुना नदी पर बने सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन से पहले दिल्ली प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी वहां पहुंचे और इसके बाद जमकर हंगामा हो गया। दिल्ली सरकार ने उन्हें इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था लेकिन तिवारी का कहना था कि वे इस क्षेत्र के सांसद हैं।
दिल्ली वासियों को सबसे ऊँचे ”सिग्नेचर ब्रिज” की सौगात तो मिल गई लेकिन उदघाटन खटास भरा रहा। केजरीवाल को काले झंडे दिखाए गए जबकि मनोज तिवारी की पुलिस के लोगों से झड़प हो गयी। रिपोर्ट्स के मुताबिक कार्यक्रम की जगह भाजपा और आप समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। बाद में तिवारी ने ट्वीट कर कहा – ”कुछ शर्म बची है मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल। बैरिकेड लगवा हमें रोक रहे हो। मेरे निर्वाचन क्षेत्र (उत्तर-पूर्व दिल्ली) में मैंने कई वर्षों से रुके पुल के निर्माण को शुरू कराया और अब अरविंद केजरीवाल उद्घाटन समारोह आयोजित कर रहे हैं”।
कार्यक्रम के मौके पर एक पतरकार की तरफ से सवाल उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी पूछा गया कि जिन शीला दीक्षित का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था उन्हें क्यों नहीं आमंत्रित किया तो सिसोदिया का जवाब था – तमाम दिल्लीवाले उद्घाटन के मौके पर आमंत्रित हैं। सभी दिल्लीवालों में शीलाजी भी आती हैं”।
उधर आज की घटना से खफा मनोज तिवारी ने कहा कि उन्हें उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया था। ”मैं यहां से सांसद हूं। तो समस्या क्या है? क्या मैं अपराधी हूं? पुलिस ने मुझे क्यों घेर लिया? मैं उनका (सीएम केजरीवाल) स्वागत करने के लिए यहां हूं। आप (पार्टी के लोगों) और पुलिस ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है”।
इसका जवाब केजरीवाल ने भी ट्वीट से दिया – ‘अप्रत्याशित। सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन स्थल पर भाजपा की अराजकता। यह दिल्ली सरकार का कार्यक्रम है। पुलिस मूकदर्शक है। क्या एलजी, दिल्ली पुलिस के प्रमुख होने के नाते सिग्नेचर पुल उद्घाटन स्थल पर शांति और व्यवस्था सुनिश्चित कर सकते हैं”?
यह पुल करीब आठ साल में १५१८ करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ है। सिग्नेचर ब्रिज से मध्य,उत्तर और पूर्वी दिल्ली के बीच आवागमन सुगम हो जाएगा। अभी घंटों जाम में फंसना पड़ता है। सिग्नेचर ब्रिज के १५४ मीटर ऊंचे टावर के शीर्ष पर ५ मंजिला ग्लास बॉक्स भी है। टावर के दोनों खंभों के अंदर से लिफ्ट ऊपर आएगी और फिर यहां से दूसरे लिफ्ट के जरिए ग्लास बॉक्स में आने की सुविधा मिलेगी जो पर्यटकों को शहर का विहंगम दृश्य दिखा सकेगा।