लोकसभा के इतर नागरिकता बिल पर शिवसेना ने अब अपना रुख बदल लिया है। बिल को कल राज्य सभा में पेश किया जाना है और इससे पहले शिव सेना नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे।
ठाकरे ने कहा – ”अगर कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिएं। वे भी हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिएं।” याद रहे लोकसभा में बिल के पास होने से पहले भी शिवसेना ने इसका विरोध किया था और कहा था उनके कुछ सुझाव हैं और यदि इन्हें माना गया तो हे पार्टी इसका समर्थन करेगी। हालांकि, सदन में बिल पेश होने के बाद पार्टी सांसदों ने इसका समर्थन किया था।
यही नहीं शिवसेना मुखपत्र ”सामना” में भी बिल की आलोचना करते हुए सवाल उठाए गए थे कि क्या हिंदू अवैध शरणार्थियों की ‘चुनिंदा स्वीकृति’ देश में धार्मिक युद्ध छेड़ने का काम नहीं करेगी। साथ ही पार्टी ने केंद्र पर विधेयक को लेकर हिंदुओं और मुस्लिमों का ‘अदृश्य विभाजन’ करने का आरोप लगाया था। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी कहा कि विधेयक की आड़ में ‘वोट बैंक की राजनीति’ करना देश के हित में नहीं है।