उद्धव ठाकरे की सरकार गिराकर भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे को तीन दिन बाद बहुमत साबित करना होगा। राज्यपाल ने नए सीएम को बहुमत साबित करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना की तरफ से विधानसभा में इस कार्यवाही में शामिल होने से बागी 39 विधायकों होने पर रोक लगाने के लिए शुक्रवार जो याचिका दायर की थी उसपर सर्वोच्च अदालत ने 11 जुलाई को ही सुनवाई करने की बात कही है जब विधायकों को नोटिस वाली शिव सेना की याचिका पर सुनवाई होनी है।
इस तरह अब रविवार और सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा का अधिवेशन होगा जिसमें नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपना बहुमत साबित करेंगे। इससे पहले शनिवार को नए स्पीकर के लिए नामांकन होगा और अगले ही दिन अध्यक्ष पद का चुनाव होगा। इसके बाद फ्लोर टेस्ट सोमवार को होगा।
बता दें कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार की गठन के बाद महाविकास आधाड़ी ने शिवसेना के 39 बागी विधायकों पर रोक वाली सुप्रीम कोर्ट में जो नई याचिका दायर की है उसपर सर्वोच्च अदालत 11 जुलाई की तारीख तय की है। इस याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट सभी बागी विधायकों को विधानसभा आने से रोके। याचिका के मुताबिक विधायक जिनके खिलाफ अभी सुनवाई चल रही है या बाकी है, उनके विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया जाए।
उधर उद्धव खेमे का तर्क है कि एकनाथ की बगावत के बावजूद शिवसेना उद्धव ठाकरे की ही है। उन्हें 23 जून के संगठनात्मक चुनाव में शिवसेना का अध्यक्ष चुना गया था और 27 जून को चुनाव आयोग को इस बाबत बाकायदा सूचना दी गयी थी। उद्धव खेमे के लिए वकील कपिल सिबब्ल ने कहा कि अभी तक बागी गुट ने किसी तरह का कोई विलय नहीं किया है। ऐसे में मूल गुट का फैसला चुनाव आयोग ही कर सकता है। इस पर अदालत ने कहा कि मुख्य मामले में वह इस मुद्दे को विचार में रखेगी।