जम्मू-कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के संभावित फैसले की चर्चा के बीच पीएम ने सोमवार सुबह अपनी केबिनेट की बैठक बुलाई है। इस बीच दिल्ली में संसद भवन परिसर में एक अहम बैठक इस समय चल रही है जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवल भी उपस्थित हैं। उधर श्रीनगर में पीडीपी अध्यक्ष पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने सोमवार की सर्वदलीय बैठक के लिए होटल की बुकिंग रद्द कर इसे अपने आवास पर करने का फैसला किया है।
कश्मीर ही नहीं जम्मू में भी सूबे के बाहर से आये लोगों में अफरा-तफरी का माहौल यह लोग जल्द से जल्द वहां से लौटने की कोशिश में हैं। जम्मू के रेलवे स्टेशन और श्रीनगर/जम्मू के एयरपोर्ट पर जबरदस्त भीड़ है। अकेले कश्मीर में हज़ारों लोग एयरपोर्ट पर जाने के इन्तजार में हैं।
घाटी में मुख्य धारा के दलों के नेता भी इस बात से अंजान हैं कि मोदी सरकार इस सूबे में क्या करने जा रही है। कांग्रेस ने भी मोदी सरकार के इस तरीके को लेकर सवाल उठाये हैं।
उधर संसद परिसर में इस समय जम्मू कश्मीर को लेकर हाई लेवल मीटिंग चल रही है। अमित शाह की अध्यक्षता वाली इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल और गृह सचिव राजीव गाबा भी मौजूद हैं। चर्चा है ये मीटिंग जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर हो रही है।
इस बीच जम्मू कश्मीर को लेकर जारी हलचल के बीच सोमवार को पीएम मोदी ने अचानक केबिनेट बैठक तलब की है। यह बैठक संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही होगी। कल ही पता चलेगा कि इस बैठक में क्या होता है।
जम्मू कश्मीर में बड़ी संख्या में अतिरिक्त अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती और सरकार की पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों से सूबे कर जाने की एडवाइजरी के बाद देश ही नहीं दुनिया की नजर इस पर लगी है कि मोदी सरकार वहां क्या करने वाली है। अटकलें हैं कि कुछ विशेष अधिकार देने वाली धारा ३५ए को ख़त्म किया जा सकता है जिसके लिए राष्ट्रपति का आदेश संभव है।
गृहमंत्री अमित शाह के एक हफ्ते के भीतर श्रीनगर जाने की भी खबर है। संसद सत्र खत्म होते ही वे दो या तीन दिन के लिए कश्मीर जा सकते हैं। संसद सत्र ७ अगस्त को आखिरी दिन है।
उधर श्रीनगर में रविवार को जानकारी दी गयी है कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने जो सर्वदलीय बैठक सोमवार को एक होटल में करने का प्रस्ताव किया था, उसकी बुकिंग रद्द कर दी गयी है। यह बैठक अब महबूबा या किसी अन्य नेता के आवास पर होगी। महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात की जबकि एनसी नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला शनिवार को उनसे मिले थे। दोनों नेताओं ने कहा कि किसी को कुछ पता नहीं कि कश्मीर में क्या होने जा रहा है। उनके मुताबिक इस माहौल से कश्मीरी अवाम में बेचैनी है। दोनों ने मोदी सरकार को धारा ३५ए से किसी तरह की छेड़छाड़ के प्रति भी चेताया है।