शाहीन बाग में आज बुलडोजर नहीं चल सका, इसके पीछे की सियासत और ध्रुवीकरण को लेकर साफ कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में बुलडोजर की राजनीति जमकर चलेगी।
बताते चलें आज शाहीन बाग में आप पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ यहां के स्थानीय निवासियों ने जिस अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया इससे तो ये अंदाज लगाया जा सकता है कि शाहीन बाग के निवासी बुलडोजर के विरोध में किसी हद तक जा सकते है।
बुलडोजर को लेकर उनका कहना है कि एक विशेष जाति को टारगेट किया जा रहा है। जिसको लेकर वे आर-पार करने को तैयार है। डी यू के प्रो कुमार सुमन का कहना है कि बुलडोजर की आड़ में जो राजनीति की जा रही है उससे एक राजनीतिक दल अपने खोये हुये जनाधार को वापस पाने के लिये काम कर रही है। अगर बुलडोजर को नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में दिल्ली में जगह -जगह बुलडोजर चलेगा।
उनका कहना है कि बुलडोजर को लेकर केन्द्र सरकार अपनी कमियों को छिपाने का काम कर रही है। महंगाई और बेरोजगारी को लेकर जनता परेशान है। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण को तो शांति के साथ हटाया जा सकता है। लेकिन बुलडोजर तो इसलिये ले जाया जाता है ताकि लोग इसी में उलझे रहे।
शाहीन बाग के लोगों का कहना है कि पहले जहांगीर पुरी और अब शाहीन बाग में बुलडोजर चलाने की जो साजिश की जा रही है। उससे दिल्ली में माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। शाहीन बाग के लोगों का कहना है कि कोरोना काल से लोगों के रोजगार और काम धंधे कमजोर हुये है।ऐसे में सरकार को बुलडोजर चलाने जैसी बात तो करनी नहीं चाहिये।
डी यू के प्रो हरीश कुमार का कहना है कि दिल्ली में सियासी लड़ाई अगर किसी के बीच तो वो है आप पार्टी और भाजपा है । ऐसे में अगर कोई शाहीन बाग के रास्ते राजनीति चमकाना चाहता है तो वो है कांग्रेस पार्टी सो शाहीन बाग में अब कांग्रेस और आप पार्टी के बीच वोटों का बंटवारा होना निश्चित माना जा रहा है।य़ही शाहीन बाग के बुलडोजर की राजनीति है।