पिछले लगभग ढाई महीने से शाहीनबाग में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने शनिवार को जामिया-कालिंदी कुंज-नोयडा जाने वाली ९ नंबर सड़क को खोल दिया है। उन्होंने यह सड़क सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त एक वार्ताकार साधना रामचंद्रन के दोपहर को अचानक उनसे मिलने पहुँचने और उनसे हुई बातचीत के बाद यह सड़क खोलने का फैसला किया है।
हालांकि, आंदोलनकारियों के इस फैसले के बाद भी सड़क खुलना मुश्किल होगा क्योंकि इसे यूपी और दिल्ली पुलिस ने आगे बैरिकेट लगाकर बंद किया हुआ है। लिहाजा लोगों को अभी कोइ राहत नहीं मिल पाएगी।
इससे पहले दोनों वार्ताकारों संजय हेगड़े और रामचंद्रन ने इस बात पर नाखुशी जाहिर की थी कि पुलिस ने तीन जगह रास्ता बैरिकेट से रोक रखा है। रामचंद्रन आज अकेले ही शाहीनबाग पहुँची और बीच में जाकर आंदोलनकारियों से बातचीत की।
रामचंद्रन को इस तरह के मामलों में समझौता करवाने में माहिर माना जाता है। शाहीनबाग के आंदोलनकारियों के साथ भी उनकी बातचीत का तरीका बहुत मित्रवत दिखा था जिससे लग रहा था कि कोइ सकारात्मक नतीजा निकल सकता है।
आंदोलनकारियों ने भी वार्ताकारों से बातचीत के पहले ही दिन यह साफ़ किया था कि उनकी तरफ से तो सड़क एक ही जगह रोकी गयी है, बाकी तीन जगह तो पुलिस ने बैरिकेट लगाकर रोक रखी है।