उत्तराखंड में हरिद्वार के जि़ला मेजिस्ट्रेट की सहमति और उप जि़ला मेजिस्ट्रेट मनीष कुमार सिंह के आदेश पर आमरण अनशन पर बैटे स्वामी सानंद को पुलिस उठा कर ले गई। स्वामी सानंद ने पुलिस के साथ जाने से पहले पत्र भी लिखा। पुलिस डा. जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद को जबरन एआईआईएमए ऋषिकेश उठा ले गई। जहां कुछ ही देर बाद उनका निधन हो गया।
गंगा की स्वच्छता निर्मलता और बहाव की मांगों के साथ वे आमरण अनशन पर थे। 10 अक्तूबर (मंगलवार) को देर रात प्रशासन उन्हें जबरन भोजन नहीं करा सका। भोर में तीन बजे उन्होंने जल ज़रूर पिया था। संभवत डाक्टरों की सलाह थी कि यदि स्वामी सानंद बेहोश होते हैं तो डाक्टर उन्हें जबरन खिलाया जाएगा।
हरिद्वार जिला प्रशासन के आदेश में कहा गया है कि मातृ सदन में डा. अग्रवाल के अनशन करने से कानून व्यवस्था को खतरा है। प्रशासन के इस झूठ का प्रतिवाद करते हुए स्वामी सानंद ने इस आदेश पर ही अपनी विरोध टिप्पणी भी लिखी।
उपजि़ला मेजिस्ट्रेट ने जो आदेश पत्र लिखा और उन तक पहुंचाया उसके अनुसार मुझे थानाध्यक्ष कनखल ने अपनी आख्या दिनांक 09.10.18 द्वारा अवगत कराया है कि मातृ सदन आश्रम में स्वामी श्री ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ प्रो. जीडी अग्रवाल- पर्यावरणविद (उम्र 87 वर्ष) द्वारा गंगा नदी में खनन बंद करवाए जाने तथा गंगा नदी एंव उसकी सहायक नदियों पर बन रहे बांधों को बंद कराने की मांग कीे लेकर विगत सौ दिनों से अनशन किया जा रहा है।
प्रो. जीडी अग्रवाल (ज्ञान स्वरूप सानंद) द्वारा 9.10.2018 की शाम से जल त्याग भी कर दिया गया है।अत उनकी वृद्धावस्था एवं विगत लगभग 100 दिनों से किए जा रहे अनशन और दिनांक 9.10.2018 से जल त्याग कर दिए जाने के फलस्वरूप उनका जीवन संकटमय हो सकता है और ऐसे में उनके समर्थकों/अनुयायियों द्वारा दंगा बलवा उत्पन्न कर लोक शांति भंग करने की संभावना बनी हुई हैं इस संबंध में चिकित्सकों का परामर्श भी प्राप्त हुआ है कि स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद उर्फ प्रो. जीडी अग्रवाल द्वारा जल त्याग दिए जाने की दशा में उनकी जीवन को खतरा उत्पन्न हो गया है।
थानाध्यक्ष कनखल की उपरोक्त आख्या एवं चिकित्सकों के परामर्श से मेरा समाधान हो गया है कि विधि एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए थाना कनखल क्षेत्र में स्थित मातृ सदन आश्रम जगजीतपुर से 100 मीटर क्षेत्र में तत्काल धारा-144 लगाया जाना आवश्यक है।
अत मैं मनीषकुमार सिंह उप जि़ला मेजिस्ट्रेट हरिद्वार आपको आदेशित करता हंू कि आप इस आदेश के प्रकाशन और प्राप्ति के तुरंत पश्चात अपने स्वास्थ्य लाभ हेतु अपना अनशन समाप्त करके स्वयं अस्पताल में भर्ती हो जाएं अथवा भोजन आदि लेना प्रारंभ कर दें अन्यथा सूचना प्राप्ति के तत्काल बाद आपके जीवन रक्षार्थ उवं स्वास्थ्य लाभ हेतु कानूनी रूप से अस्पताल में भर्ती करा दिया जाएगा। अस्पताल में भर्ती कराए जाते समय आपके या आपके समर्थकों द्वारा उक्त कार्यवाई में किसी प्रकार की बाधा पहुंचाई जाती है तो आपके और उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाई अमल में लाई जाएगी।