कर्नाटक में अपने पोलिटिकल थिएटर का संचालन करते हुए आखिर येदियुरप्पा शाम ६ बजे मुख्यमंत्री होने की अपनी ख्बाहिश पूरी कर लेंगे। माना जाता है कि भाजपा आलाकमान येदियुरप्पा की इस जल्दबाजी से इत्तेफाक नहीं रखती थी, लेकिन येदियुरप्पा के आगे उसे एक बार फिर हार माननी पड़ी। येदियुरप्पा ने राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का आज सुबह दावा पेश किया था और राज्यपाल ने उन्हें शाम ६ बजे शपथ के लिए बुलाया है।
येदियुरप्पा की शपथ की तैयारी तब हो रही है जब विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश को अभी १५ और बागी विधायकों को लेकर फैसला करना है जबकि तीन को स्पीकर ने गुरूवार को सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था। माना जाता है कि पहले शपथ का समय दोपहर १२.३० बजे का था और इसका पत्र भी तैयार हो गया था लेकिन बाद में में इसे काटकर ६ बजे कर दिया गया।
विश्वास मत के बाद सदन की जो स्थिति सामने आई है उसके मुताबिक कांग्रेस-जेडीएस के पास ९९ और भाजपा के पास १०५ सदस्य संख्या है। कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिरने के बाद कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार बनाने की गंभीर कोशिशों में जुटे थे। ऐसा माना जाता है कि भाजपा आलाकमान उनकी इस जल्दबाजी से सहमत नहीं थी और चाहती थी कि वे थोड़ा इन्तजार करें। लेकिन येदियुरप्पा को लग रहा था कि सरकार न बनने में देरी पर कहीं बागी कांग्रेस-जेडीएस विधायक अपना इरादा न बदल लें।
यह माना जाता है कि येदियुरप्पा को लगता है कि भाजपा उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देगी लिहाजा वे हर हालत में मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। भले इसके लिए उन्हें भाजपा आलाकमान को नाराज करना पड़े। पिछले दिनों में येदियुरप्पा ने जब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आदि से सरकार बनाने की अपनी इच्छा को लेकर संपर्क किया था, तो माना जाता है कि उन्हें कोइ गर्मजोशी भरा रेस्पांस नहीं मिला था।
विधानसभा अध्यक्ष को अभी १५ और बागी विधायकों के बारे में फैसला करना है। गुरूवार को स्पीकर ने तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया था। इन विधायकों में आर शंकर, रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली शामिल हैं। इससे पहले रमेश जरकिहोली और महेश कुमथल्ली के बारे में स्पीकर रमेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने (दोनों विधायक) मुझे कभी सूचित नहीं किया कि वे ६ जुलाई को मेरे कक्ष में आए थे। उन्होंने एक गलत प्रारूप में इस्तीफा दिया। मैंने अपने सचिव को उनके पत्र लेने का निर्देश दिया था। अयोग्य विधायकों के बारे में स्पीकर ने कहा है कि वे मौजूदा असेंबली भंग होने के बाद ही चुनाव लड़ सकेंगे।