गणतंत्र दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भारतीय सेना के लांस नायक नजीर वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नजीर वानी पत्नी महजबीन को यह सम्मान प्रदान किया। पुरूस्कार लेते वक्त महजबीन के साथ नज़ीर की माता भी साथ थीं।
भारत के इतिहास में पहला अवसर है जब हाथ में बन्दूक उठानेवाला कोइ व्यक्ति सेना में आया और इतना बड़ा सम्मान हासिल किया। गौरतलब है कि वानी नवंबर में जम्मू- कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। शोपियां में मुठभेड़ के दौरान उन्हें गोली लगी हालांकि इस जांबाज ने बहादुरी का अनुपम उदहारण देते हुए कई आतंकियों को ढेर कर दिया था।
कश्मीर घाटी में कुलगाम तहसील के तहत अश्मूजी गांव के निवासी नज़ीर एक समय खुद आतंकवादी थे जिन्हें ”इख़्वानी” पुकारा जाता है। हालाँकि कुछ समय के बाद ही नज़ीर ने महसूस किया उनका फैसला गलत है। इसके बाद नज़ीर सेना में भर्ती हुए और आतंकियों के खिलाफ कई सफल ऑपरेशंस में हिस्सा लिया। पिछले साल वे देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहीद हुए।