शराफ़त की नक़ाब ओढ़े अपराधियों से निपटे पुलिस

के. रवि (दादा)

मुंबई एक ऐसा बिजी शहर है, जहाँ किसी को किसी का हाल जानने की फ़ुरसत नहीं है। इसी का फ़ायदा उठाकर बड़े-बड़े माफ़िया, अपराधी, तस्कर और ठग मुंबई में छुपकर सारे अवैध धंधे करते हैं, जिनमें ज़्यादातर महिलाओं और लड़कियों का शारीरिक शोषण करने वाले भी हैं। पर इनमें से कुछ ऐसे अपराधी भी हैं, जो चेहरे पर शराफ़त की नक़ाब ओढ़ी हुई है। ऐसे अपराधी बिजनेसमैन और नेताओं में भी हैं, जो रसूख़दार और मोटी असामी हैं, जिनकी सरकार और पुलिस में अच्छी पकड़ है। ऐसे लोग क़ानून के लंबे हाथों से भी बचे रहते हैं।

ऐसे ही एक शख़्स का नाम सागर रमाकांत जोशी उर्फ़ सागर जोशी है, जिस पर महिलाओं का यौन शोषण करने के आरोप हैं। सागर जोशी पर माननीय अदालत में मुक़दमा भी चल रहा है। सरकार में अच्छी पकड़ वाला असामी सागर जोशी कुछ साल पहले इतना पैसे वाला नहीं था, लेकिन जबसे उसने एमएलएम मार्केटिंग वाला कस्टमर सेवा का धंधा शुरू किया है, वो अमीर होता चला गया। उसके कुछ कर्मचारियों से जो जानकारी मुझे मिली, उससे पता चला कि सागर जोशी जब किसी से मिलता है, तो एक सीधा, भोला और हंसमुख इंसान बनकर मिलता है। लेकिन अपने ही कर्मचारियों, ख़ासकर महिला कर्मचारियों के प्रति उसका रवैया कुछ और ही है। उस पर अपनी ही महिला कर्मचारियों के साथ बलात्कार और दुर्व्यवहार करने के आरोप हैं।

अमूमन मुंबई से लेकर बेंगलूरु के थाने तक में सागर जोशी के ख़िलाफ़ एफआईआर भी दर्ज हैं। लेकिन फिर भी यह शख़्स बिना किसी टेंशन के अपना धंधा हँसी-ख़ुशी से करके काफ़ी धन जुटा चुका है। सागर जोशी पहले गिरफ़्तार हो चुका है। लेकिन अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है। इसकी पुष्टि तब और हो गयी, जब उसकी कम्पनी में काम करने वाली एक तलाक़शुदा महिला कर्मचारी, जो किराये के मकान में अपने एक बच्चे और अपनी माँ का पेट पालती है; को सागर जोशी की सच्चाई पता चली। इस महिला कर्मचारी को एक अख़बार के ज़रिये पता चला कि जिसे वह देवता मानती है, वह बलात्कार का आरोपी है। कई लोग सागर को देवता मानते हैं। लेकिन जब उसकी इस महिला कर्मचारी ने सागर जोशी को सूचित किया कि सर आपके ख़िलाफ़ मीडिया में मामला आ चुका है, जो आगे चलकर सोशल मीडिया के ज़रिये यदि सरेआम हो जाएगा, तो हमारा क्या होगा? आप तो हमारे अन्नदाता हैं। हम सब आपको भगवान मानते हैं। इस पर आपको गंभीरता से ग़ौर करना चाहिए।

इस पर महिला कर्मचारी के साथ भी शारीरिक दुर्व्यवहार करते हुए सागर जोशी ने महिला से कहा कि ‘मेरा कोई बाल भी बाँका नहीं कर सकता, भले मुझ पर अदालत में बलात्कार का मामला दर्ज है। पॉवर, पुलिस और पैसा मेरी जेब में हैं।’ कुछ दिन चुप्पी साधने के बाद सागर जोशी ने उलटा महिला कर्मचारी के ख़िलाफ़ ही काशीमीरा पुलिस थाने में ब्लैकमेल करने और फिरौती माँगने की एफआईआर दर्ज करा दी। इससे महिला काफ़ी डर गयी और अपनी नौकरी छोड़ने का मन बना बैठी। उसे डर हो गया। पुलिस ने भी बिना तफ़्तीश किये महिला को बार-बार थाने बुलाकर प्रताड़ित किया। फिर कुछ पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ता एवं वकील की मदद लेकर महिला थाने पहुँची और उसने अपनी तरफ़ से भी पूरी सच्चाई लिखकर थाने में देकर सागर जोशी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करायी। शिकायत में कहा कि सागर पैसे और पॉवर से मज़बूत है, जो मेरे साथ कोई अनहोनी न कर दे।

ग़ौरतलब है कि मैंने सागर जोशी जैसे लोगों की गतिविधियों पर पैनी नज़र रखते हुए पिछले छ: महीने से जानकारी हासिल की है। तीसरी आँख की तरह जब मुझे सागर जोशी पर बलात्कार का मुक़दमा चलने और अपनी ही कर्मचारी को धमकाने और शारीरिक अभद्रता का मामला पता चला, तो न्यायालय सम्बन्धी मालूमात करते हुए सम्बन्धित काग़ज़ात इकट्ठा किये। इन काग़ज़ात में सागर जोशी की हक़ीक़त और मुंबई की एक अदालत में बलात्कार के मुक़दमे के साक्ष्य हैं। संदेह है कि जिस महिला कर्मचारी पर सागर ने फिरौती का मुक़दमा दर्ज करवाया है, उसके अलावा दफ़्तर की अन्य महिलाओं के साथ भी उसने शारीरिक शोषण किया न हो? क्योंकि सागर जोशी पर अदालत में चल रहे बलात्कार के मुक़दमे की एक मेडिकल जाँच रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा नहीं कहा जा सकता कि पीड़िता का बलात्कार सागर जोशी ने न किया हो। सागर के ख़िलाफ़ चल रहे मुक़दमे और एफआईआर के काग़ज़ मेरे पास हैं और उसी आधार पर यह रिपोर्ट पेश की गयी है।

हमें नहीं पता कि मुंबई में सागर जोशी जैसे और कितने लोग हैं? लेकिन जितने भी हैं, उनके ख़िलाफ़ सही तरीक़े से कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि कार्रवाई न होने के चलते ये लोग अपने दाएँ-बाएँ रहने वाली महिला का यौन शोषण तक करते रहते हैं और उनका कुछ नहीं बिगड़ता। हमारी मुंबई पुलिस के साथ-साथ देश भर की पुलिस से विनती है कि ऐसे दरिंदों को किसी भी हाल में न बख़्शे, ताकि मुंबई समेत पूरे देश में महिलाएँ ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। वैसे भी मुंबई, बदलापुर और दूसरे कई शहरों में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं ने हाहाकार मचा रखा है।