प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना जैसी बीमारी के कारण हुये नुकसान की भरपाई के 20 लाख करोड का जो पैकेज दिया है । उसका व्यापारियों ने स्वागत कर सरकार से मांग रखी है। कि देशभर के छोटे और बडे व्यापारिक संस्थानों को खोलने की अनुमति सरकार प्रदान करें। जिससे देश की अर्थ व्यवस्था को संजीवनी मिल सकें। पर समय देश में कोरोना का संक्रमण तेज गति से फैल रहा है । ऐसे में सरकार की क्या रूप रेखा है उसको लेकर भी सरकार को अपनी तैयारियों की जानकारी व्यापारियों को और जनमानस को देने होगी, अन्यथा कोरोना के कहर से बच पाना मुश्किल होगा। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत लोगों को सरकार ने जो मंत्र दिया है । कि कैसे हम संकट की घडी में विपत्तियों का सामना कर सकते है। इसी मंत्र पर चलकर छोटे और मध्यम वर्ग का व्यापारी आज भी देश की अर्थ व्यवस्था को आगे लाने के लिये प्रयासरत है।लाँकडाउन -4 को लेकर देशवासियों की नजर इस बात पर टिकी है, कि लाँकडाउन को खोला जाएगा या इसी तरह जारी रखा जायेगा । क्योंकि लाँकडाउन को लेकर अभी आशा और निराशा है । कि अगर लाँकडाउन को यथावत जारी ऱखा गया तो अर्थ व्यवस्था और रोजगार जैसी समस्यायें बरकरार रहेगी और अगर खोल दिया गया तो कोरोना के कहर से कैसे बचेगें। फिलहाल 17 मई तक लाँकडाउन है। 18 मई से लाँकडाउन के बारे में सही जानकारी सामने आयेगी। बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेन्र्द मोदी ने 12 मई को अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था, कि अब जो अगला लाँकडाउन होगा वो नये तरीके से होगा।
ऐसे में व्यापारी सूरज गुप्ता का कहना है, कि सरकार से व्यापारियों को एक ही उम्मीद है, कि व्यापारियों को पहले की तरह व्यापार करने का अवसर दें । ताकि व्यापारी आत्मनिर्भर होकर व्यापार कर सकें। क्योंकि 50 दिनों से व्यापारियों के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में अगर व्यापारियों को व्यापार करने का म़ौका ना मिला तो उन्हें अपने कर्मचारियों की वेतन और दुकानों , गोदामों का किराया निकालना मुश्किल हो जायेगा ।
चाँदनी चौक दिल्ली व्यापार संघ के नेता रामप्रसाद का कहना है कि कोरोना नामक महामारी का पूरी दुनिया सामना कर रही है। ऐसे में सभी देशवासियों ने सरकार के बताये दिशा – निर्देशों का पालन किया है । पर अब सरकार को भी चाहिये कि वह भी व्यापारियों को अफसर –शाही, प्रथा से और पुलिस के ठंडे से आजादी दिलाये । क्योंकि आज भी व्यापारियों को काफी दबाव में अपने व्यापार को करने में मजबूर होना पड रहा है।
उनका कहना है कि सरकार आंकडे बाजी के खेल में व्यापारियों को ना उलझांये । बल्कि जो पैकेज सरकार ने दिया है।उसमें से बिना समय गंवाये सरकार व्यापारियों को राहत दें। जिससे छोटे और बडे व्यापारी अपने व्यापार को कर सकें। सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव का कहना है कि सरकार बाजारों को खोलने की अनुमति दें ताकि सुस्त पडी अर्थ व्यवस्था को बल मिल सकें। राकेश यादव का कहना है कि सरकार छोटे और मध्यम व्यापारियों को आर्थिक लाभ दें । क्योंकि कोरोना काल में भी इन व्यापारियों ने देश की अर्थ व्यवस्था में अहम योगदान दिया है।
व्यापारियों का कहना है कि पैकेज को लेकर अभी सही तरीके से व्यापारियों को समझ में ये नहीं आ रहा है कि पैकेज के तहत कर्ज और लोन जैसी सुविधायें कब से मिलेंगी या सरकार के आंकडों बाजी के खेल में उलझ कर रह जायेगें।