भाजपा-अजित पवार खेमे को जबरदस्त झटका देते हुए शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी ने सोमवार शाम मुंबई के हयात होटल में १६२ विधायकों के साथ शक्ति प्रदर्शन किया। वहां बड़ा होर्डिंग लगा है जिसमें लिखा है – वी आर १६२ (हम १६२ हैं) । शरद पवार ने आरोप लगाया है कि अजित पवार ने गुमराह किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। जो पार्टी व्हिप का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस मौके पर विधायकों को सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के नाम से शपथ भी दिलाई गयी।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र को लेकर फैसला आने से पहले तीन दलों का यह प्रदर्शन ख़ास मायने रखता है। एक तो शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी ने देश को अपनी दावे का प्रमाण दिखाना चाहती थी दूसरा इस शक्ति प्रदर्शन में शरद पवार को भी शामिल करके यह साफ़ करने की कोशिश की गयी है कि परदे के पीछे शरद पवार का कोइ खेल नहीं और वे पूरी तरह गठबंधन के साथ हैं।
विधायकों की इस परेड ने निश्चित ही यह जाहिर कर दिया है कि अजित पवार फिलहाल अलग-थलग पद गए लगते हैं। अब भी यदि कोइ चमत्कार नहीं होता है और सर्वोच्च न्यायालय का कल का फैसला फ्लोर टेस्ट के लिए आता है तो, भाजपा के बहुमत साबित करहुत ही मुश्किल होगा। इससे पहले शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी ने राज्यपाल को भी दिन में एक पत्र सौंपकर १६२ विधायक अपने साथ होने का दावा किया था। शरद पवार ने इस मौके पर विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्रके लिए एक साथ आये हैं। जो लोग केंद्र में उन्होंने ऐसा दूसरे राज्यों में भी किया था। यह उनका इतिहास है लेकिन गलत तरीके से बनाई उनकी सरकार फेल हो जाएगी। उद्धव ठाकरे ने कहा हम अब बताएँगे कि शिव सेना क्या चीज है।
याद रहे शनिवार तड़के अचानक राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और उस समय एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। इससे दो घंटे पहले सुबह करीब पांच बजे महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन भी ख़त्म कर दिया गया था। इसे लेकर महाराष्ट्र ही नहीं, देश भर की राजनीनीति में उबाल आ गया था।
शनिवार को ही हिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी सका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में ययाचिका दायर कर राज्यपाल के फैसले को चुनौती दे दी थी। रविवार को सुनवाई के बाद सोमवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें सर्वोच्च अदालत ने फैसला मंगलवार को सुनने की बात कही है।
अब सोमवार शाम को शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी ने तरह १६२ विधायकों के साथ होने का दावा करते हुए और इन विधायकों की परेड करवाते हुए शक्ति प्रदर्शन किया है उसने महाराष्ट्र की राजनीति को बहुत दिलचस्प बना दिया है। दिन में एनसीपी ने वरिष्ठ नेताओं ने अजित पवार को वापस शरद पवार के साथ आने के लिए मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन वे नहीं माने।
हाँ, यह जरूर हुआ है कि अजित उप मुख्यमंत्री के रूप में पद ग्रहण नहीं किया है जबकि मुख्यमनत्री देवेंद्र फडणवीस आज अपने दफ्तर गए और काम संभाल लिया। अब स्थिति दिलचस्प हो गयी है। कहना मुश्किल है कि क्या शिव सेना-कांग्रेस-एनसीपी की यह ताकत फ्लोर टेस्ट में भी बनी रहती है। यदि बनी रही तो भाजपा के लिए बहुत फजीहत वाली स्थिति पैदा हो जाएगी।
इन तीन दलों के नेताओं को यह भी आशंका है कि अपनी हार देखकर भाजपा विधानसभा भंग करवाने की कोशिश करवा सकती है। उधर अजित पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले कमजोर करने की खबर भी सुर्ख़ियों में रही।