हर साल की भांति इस साल भी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आज देश भर में योग को लेकर तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । जिसमें योगाचार्यो के साथ-साथ आयुर्वेदाचार्यो, होम्योपैथिक चिकित्सकों, एलोपैथिक के डाक्टरों से सहित,राजनैतिक और कलाकारों ने भाग लिया और योग के महत्व पर बल देते हुये कहा कि शरीर- आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भभुत विज्ञान है।योगाचार्य व आर्युवेदाचार्य डाँ दिव्यांग देव गोस्वामी ने बताया कि जो व्यक्ति नियमित योग करता है । उसके पास कभी रोग नहीं भटकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना से भी बचाव में भी योग एक सटीक व सरल उपाय है। इस दौरान उन्होंने ताडासन कर योग के फायदे बताते हुये कहा कि इससे लम्बाई बढती है और शरीर और दिमाग संतुलित रहता है।इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डाँ आर . एन . कालरा ने कहा कि हार्ट रोगियों के साथ –साथ कोई भी ऐसा रोग नहीं है । जिसको योग करके दूर ना किया जा सकें । इसलिये नियमित योग कर निरोग रहने की कला हासिल की जा सकती है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार ने बताया कि तमाम अध्ययनों से ये बात साबित हो चुकी है, कि योग करने से जीवन में संयम और शांति लायी जा सकती है । मधुमेह , मोटापा, तनाव, रक्तचाप जैसी बीमारी को काबू पाया जा सकता है। क्योंकि तमाम बीमारियों की जड मानसिक तनाव है। अगर कोई भी व्यक्ति योग को नियमित रूप से अपनी जीवन शैली में शामिल करता है तो निश्चित रूप से वह स्वस्थ्य रह सकता है।सूचना प्रसारण मंत्रालय के सदस्य राजकुमार सिंह ने योग दिदस पर स्कूली बच्चों के साथ योग को बढावा देते हुये कहा कि अगर स्कूली बच्चे अपनी दैनिक जीवन शैली में योग को शामिल करते है । तो वे तनावपूर्ण जीवन से छुटकारा पा सकते है और हिंसा जैसी प्रवृत्ति से भी । क्योंकि योग में रोग दूर करने की अद्भभुत शक्ति है। आयुष मंत्रालय के सदस्य व ईएनटी डाँ एम. के. तनेजा ने कहा कि योग में वो शक्ति है कि बेहरा भी अगर योग क्रिया को अपनाता है , तो उसको भी काफी लाभ हुआ है। योगाचार्य व आहारविद् विभा सिंह निगम ने बताया कि भौतिक शरीर को मानसिक शरीर से जोडना योग है ।उनका कहना है कि सही खान –पान के साथ – साथ नियमित योग करने वालों को कभी भी कोई बीमारी अपनी चपेट में नहीं ले सकती है। क्योंकि सही खान-पान और योग कर एक दूसरे के पूरक है। योग सदियों पुराना है इसको करने में कोई आधुनिक कला की जरूरत नहीं है। योग हमें जागरूक ही नहीं करता है बल्कि सक्रिय रखता है।जो शरीर और मन के बीच गठजोड स्थापित करता है। योग में तमाम आसनों के बारे में बताया गया है । योग करना बहुत सरल है पर जब योग को अपने जीवन में अपनाना शुरू करें तो किसी योगाचार्य के सहयोग से क्योंकि कई बार योग करने में कुछ लापरवाही और अनदेखी हो जाती है जिससे दिक्कत होती है इसलिये योग को करें योगाचार्य के सहयोग से ।वैसे आजकल देश में योग को लेकर जो जागरूकता को लेकर शिविर और तमाम कार्यक्रम होते है जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है।