ख़तरनाक दिशा की तरफ़ दिख रहा रूस-यूक्रेन का युद्ध
रूस ने जब यूक्रेन के ‘अमेरिका से फंड किये’ बायोलैब का मामला संयुक्त राष्ट्र में खींचा, जिसमें पड़ोसी देश में जैविक हथियार बनाने का आरोप था; तो अमेरिका के उप विदेश मंत्री विक्टोरिया नूलैंड ने एक बयान एक तरह से रूस की बात पर सहमति ही जता दी। ज़ाहिर है इससे यूक्रेन में जैविक उपस्थिति का मसला और गम्भीर रूख़ ले गया। तो क्या रूस-यूक्रेन के वर्तमान हालात दुनिया को विश्व युद्ध की तरफ़ धकेल रहे हैं? रूस का दावा है कि यूक्रेन में अपने सैन्य ऑपरेशन के दौरान उसे वहाँ जैविक हथियार बनाने के मज़बूत सुबूत मिले हैं।
नूलैंड के बयान के बाद रूस इस मसले पर और हमलावर हो गया और उसने आरोप लगाया कि अपने देश की सुरक्षा को लेकर उसने जो आशंकाएँ जतायी, वो ग़लत नहीं थीं। रूस का आरोप रहा है कि यूक्रेन के ज़रिये पश्चिम देश उसकी सुरक्षा के लिए ख़तरा बन रहे हैं। यही कारण था कि रूस ने यूक्रेन के नाटो का सदस्य बनने का पुरज़ोर विरोध किया है। अब न्यूलैंड की स्वीकरोक्ति कि जैविक हथियार रूस पर ख़तरा बढ़ाने का ज़रिया है, जिसे पेंटागन वित्तीय मदद दे रहा था; से रूस के आरोपों पर मुहर लग गयी है। रूस इसके बाद लगातार अमेरिका पर हमले कर रहा है। रूस का दावा है कि अमेरिका युद्ध में रासायनिक और जैविक हथियारों का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि अमेरिका और नाटो देश रूस-यूक्रेन युद्ध में हिस्सेदारी कर लेते हैं, तो इससे विश्व युद्ध का रास्ता खुल जाएगा और यह रासायनिक और जैविक युद्ध में तब्दील हो सकता है। दुनिया दुआ कर रही है कि ऐसा न हो और दुनिया युद्ध की विभीषिका से बच जाए।
युद्ध के 20 दिन के बाद रूस-यूक्रेन की तरफ़ से इन्फॉर्मेशन वॉर काफ़ी तेज़ हो गयी है। पश्चिमी देशों का दावा है कि रूस के सबसे पॉपुलर टीवी चैनल पर रूस के लोगों ने ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कटघरे में खड़ा कर दिया। पश्चिम देश यह सन्देश देना चाहते हैं कि रूस के ही लोग यूक्रेन पर हमले के कारण पुतिन के साथ नहीं हैं। इससे जुड़े इक्का-दुक्का वीडियो भी सोशल मीडिया के ज़रिये सामने आये हैं। रूस में बग़ावत की ख़बरें पश्चिमी देशों का प्रोपेगैंडा है, ये बताने के लिए व्लादिमीर पुतिन ने अपने रक्षा मंत्रालय का एक प्रस्ताव पास कर कहा कि मिडिल ईस्ट के 16,000 लड़ाके ऐसे हैं, जो यूक्रेन जाकर रूस की सेना की मदद करना चाहते हैं। रूस ने यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के दौरान दावा किया कि वहाँ ख़तरनाक वायरस स्टोर किये गये हैं, जिन्हें अमेरिका हथियारों के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।
रूस का दावा है कि वालंटियर के तौर पर युद्ध में शामिल होने के लिए हज़ारों विदेशी लोगों ने रूस सरकार से आवेदन किया है। रूस के रक्षा मंत्री का कहना है कि 16,000 विदेशी वालंटियर्स डोनेस्क और लुगांस्क में लडऩे के लिए तैयार हैं, ताकि डोनबास क्षेत्र के लोगों को यूक्रेन की ओर से हो रहे नरसंहार से बचाया जा सके। पुतिन ने इस प्रस्ताव का समर्थन करके पश्चिम देशों को यह सन्देश दिया है कि उनके मिशन में देश के ही लोग नहीं, बल्कि विदेश से भी समर्थन मिल रहा है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के समर्थन में 13 मार्च को कई कारें सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड से होकर गुज़रीं। कार में सवार लोगों ने रूसी और सर्बियाई झण्डे लहराये, हॉर्न बजाया और पुतिन (रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन) समर्थक नारे लगाये। सर्बिया ने औपचारिक रूप से यूरोपीय संघ की सदस्यता की माँग करने और मास्को की आक्रामकता की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के बावजूद अपने सहयोगी रूस के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों में शामिल होने से इन्कार कर दिया है।
रूस-चीन भाई-भाई
कभी यह नारा नेहरू युग में भारत-चीन की दोस्ती के नारे ‘हिन्दी चीनी-भाई भाई’ जैसा लगता है। हालाँकि यह सच है कि अमेरिका पर जैविक हथियारों के इस्तेमाल पर रूस को अब खुले तौर पर चीन का साथ मिल गया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने बाक़ायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये ये दावा किया कि अमेरिका, यूक्रेन में जैविक हथियारों का निर्माण कर रहा है। निश्चित ही रूस और चीन एक सी बोली बोल रहे हैं। दोनों मिलकर यूक्रेन के ज़रिये अमेरिका पर जैविक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगा रहे हैं। हालाँकि यूक्रेन के राष्ट्रपति इसे रूस की साज़िश बताकर यूक्रेन पर हमला करने की नयी तरकीब बता रहे हैं।
यूक्रेन निश्चित ही बर्बादी की तरफ़ बढ़ रहा है। यह रिपोर्ट लिखे जाने तक रूस-यूक्रेन जंग जारी है। रूस यूक्रेन के शहरों पर बमबारी कर उन्हें बर्बाद कर रहा है। कई शहरों पर रूस का क़ब्ज़ा हो चुका है। ख़ुद जेलेंस्की स्वीकार कर चुके हैं कि रूस यूक्रेन की राजधानी कीव पर कभी भी क़ब्ज़ा कर लेगा। फ़िलहाल रूस यूक्रेन के दक्षिण में मारियुपोल पर शिकंजा और कसते हुए राजधानी कीव के बाहरी इलाक़ों में पहुँच चुका है। यूक्रेन की सैटेलाइट से ली गयी, जो तस्वीरें दुनिया के सामने आयी हैं; उनसे ज़ाहिर होता कि उसके शहर रूस की बमबारी में तबाह हो चुके हैं। वहाँ जली और तबाह हुई इमारतें, वाहन, सडक़ें दिखती हैं। पेड़-पौधे तक ख़त्म हो गये हैं। सडक़ें सुनसान हैं और वहाँ लोग नहीं दिखते। रिपोट्र्स के मुताबिक, यूक्रेन के सामने भोजन, पानी और दवा की उपलब्धता नहीं है। अब तक हज़ारों लोग मारे गये हैं।
झुक रहा है यूक्रेन
हाल के 10 दिनों में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की चार बार रूस से बातचीत का आग्रह कर चुके हैं। हाल में तुर्की ने दावा किया था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत करने को राजी हैं। रूसी सेना लगातार राजधानी कीव की घेराबंदी कर रही है। रूसी सेना ने कीव को नो फ्लाइंग जोन बना दिया है, जिससे राजधानी से बाकी दुनिया का हवाई सम्पर्क लगभग ख़त्म हो गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने 13 मार्च को कहा था कि वह इजरायल की मध्यस्थता में रूस के साथ बात करने को तैयार हैं। हालाँकि रूस की तरफ़ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से लेकर अब तक 596 नागरिकों (13 मार्च तक) की मौत हो चुकी है और कम-से-कम 1,067 लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, मारे गये लोगों में से 43 और घायलों में 57 बच्चे हैं। कार्यालय ने बताया कि ज़्यादातर नागरिकों की मौत भारी गोलाबारी और मिसाइल हमले के कारण हुईं।
संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने यूक्रेन में स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकीय सुविधाओं पर हमले तत्काल बन्द करने की अपील की है। एजेंसियों ने कहा है कि चिकित्सा कर्मियों पर हमले तत्काल बन्द हों और युद्धविराम किया जाए। रूस के हमले में यूक्रेन में कई चिकित्साकर्मी मारे गये हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने इसे बेहोश क्रूरता बताया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी 13 मार्च को नाटो से अपील की थी कि वह उनके देश को नो फ्लाई जोन घोषित करे। जेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि अगर नाटो ऐसा नहीं करता है, तो वह उसके सदस्य देशों पर रूस की ओर से हमला होते हुए देखे। जेलेंस्की ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि अगर आप हमारे आकाश को बन्द नहीं करते हैं, तो किसी भी समय रूसी रॉकेट आपके क्षेत्र में या नाटो के क्षेत्र में गिरेगा। अमेरिका यूक्रेन के सैन्य ठिकाने पर रूसी मिसाइल हमले की निंदा कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि हम पोलैंड से सटी यूक्रेन की सीमा के क़रीब यवोरिव में इंटरनेशनल सेंटर फॉर पीसकीपिंग ऐंड सिक्योरिटी पर रूस के मिसाइल हमले की निंदा करते हैं। यह क्रूरता बन्द होनी चाहिए।
उधर रूसी मीडिया स्पुतनिक ने उप विदेश मंत्री सर्गेई वार्शिनी के हवाले से कहा कि रूस अमेरिका और यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से प्रतिबंध हटाने के लिए नहीं कहेगा, क्योंकि पश्चिम और दुनिया भर के दबाव से मॉस्को का रूख़ नहीं बदलने वाला है।
रूस का आरोप
अमेरिका के पास 30 देशों में 336 जैविक अनुसंधान लैब हैं, जिनमें 26 लैब अकेले यूक्रेन में हैं। अमेरिका को इन लैब के बारे में अपने देश और विदेश में अपनी जैविक सैन्य गतिविधियों की पूरी जानकारी देनी चाहिए।’’