भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने विपक्ष के लाये अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में 325 वोट हासिल किये जबकि विपक्ष के पक्ष में 126 वोट पड़े। इस तरह विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव फेल हो गया और सरकार जीत गयी। एक सदस्य को वोट के लिए सदन में स्ट्रेचर पर लाया गया। शिव सेना और बीजू जनता दल वोटिंग में नहीं शामिल हुए।
विपक्ष के सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा कि नकारात्मक सोच हॉबी है। और वे सज धज कर अपनी नकारात्मकता को बता रहे हैं। मोदी ने शुरू में यह शेर पड़ा – ”न माझी न रहबर, न हक़ में हवाएं हैं, कश्ती भी ज़र्ज़र, यह कैसा सफर है।”
मोदी ने कहा विपक्ष का ज़ोर मोदी हो हटाने पर है। कहा अभी मतदान नहीं हुआ, जय पराजय भी नहीं हुई फिर भी कुछ लोग यहाँ (सत्ता में) बैठना चाहते हैं। उनका इशारा राहुल की तरफ था जिन्होंने भाषण के बाद प्रधानमंत्री की कुर्सी के पास जाकर उन्हें खड़े होने और गले मिलने का संकेत किया था। मोदी ने कहा लेकिन यहाँ तो देश की १३५ करोड़ जनता बिठाती है। यह उनका अहंकार है। जो खुद को भाग्य विधाता मानते हैं और जनता को नहीं मानते वही ऐसी बात करते हैं कि २०१९ में हम मोदी को हराएंगे। मोदी ने अपना भाषण कांग्रेस और बिना नाम लिए राहुल पर फोकस रखा। बोले की वे मैं भी प्रधामंत्री बनूँगा, इस का ट्रायल चल रहा है अविश्वाश प्रस्ताव के बहाने।
कांग्रेस को सलाह दी जब आपको अपने साथियों की परिक्षा लेने है इसके लिए अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो न लीजिये। कहा हम यहाँ इसलिए हैं की हमें सबा सो करोड़वासियों का आशीर्वाद है। हमारे पास संख्या बल है। कमसे कम देश की जनता के मत का तो सम्मान कीजिये।
जब मोदी कांग्रेस पर अकर्मण कर रहे थे, राहुल अपनी सीट पर बैठे मुस्कुरा रहे थे। इस दौरान सदन में हंगामा हुआ। विपक्ष और सत्तापक्ष के सदस्यों में बहस जिससे प्रधान मंत्री का भाषण रुका। नारे लगते रहे।
मोदी ने कहा हम सबका साथ सबका विकास की नीति पर काम कर रहे। १८००० गाँव में बिजली पहुंचाई। निचले तबकों के लोगों के लिए काम कर रहे। उत्तर पूर्व को गलत नीतियों से अलग थलग कर दिया। बैंकों का राष्ट्रीय कारन गरीबों के नाम पर किया लेकिन गरीब का कोइ कल्याण नहीं हुआ। जान धन की योजना से यह काम हमने किया। विधवा योजना से लेकर उज्ज्वला योजना का जिक्र मोदी ने किया और कहा इन योजनाओं से हमने गरीब का कल्याण किया। कहा कि ५ करोड़ देशबासी गरीबी से बहार आये हैं यह एक विदेशी एजेंसी ने बताया है। लेकिन विपक्ष को इन बातों पर भी भरोसा नहीं।
प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्षी बेंचों से लगातार नारे लगते रहे। हालांकि प्रधानमंत्री ने अपने सरकार की योजनाओं के बारे में बताना जारी रखा। यह भी बताया की कैसे उनकी सरकार बनने के बाद कैसे एलईडी बल्ब सस्ते हुए। लाखों बल्ब स्ट्रीट लाइट के लिए लगे। आठ की जगह १२० मोबाइल बनाने वाली कंपनियां देश में बन गईं लेकिन विपक्ष इसे सुनना नहीं चाहता। जब हमने डिजिटल की बात की सदन के कुछ बड़े नॉलेज वाले लोगों ने कहा यह कैसे हो सकेगा। हमारे पास तो इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं। उनका देश की जनता पर विश्वास नहीं है।
मोदी ने कहा कि हम आज दुनिया की छठी सबसे बड़ी इकॉनमी हैं। मोदी ने विपक्ष से कहा अरे इस पर तो गौरव करना सीखो। यह हमारा जैकारा है। तक्नालोजी से हमने ९०,००० करोड़ रूपये बचाने का काम किया। काळा धन पर लगाम कसी। काळा धन वाली कंपनियों पर हम शिकंजा कसने वाले हैं। बेनामी सम्पति का कानून सदन ने पास किया लेकिन २० साल तक दबा कर रखा गया। किसे बचाना चाहते थे आप।
कहा कांग्रेस को खुद पर अविश्वास है। यही उनकी कार्यशैली है। उन्हें स्वच्छता पर विश्वास नहीं , चीफ जस्टिस पर विश्वास नहीं, ईवीएम पर विशवास नहीं क्योंकि उन्हें खुद पर भरोसा नहीं। प्रक्रिया को प्रभावित करके वाली चीजें हमने बंद की, भ्रष्टाचार पर लगाम कसी तो उन्हें परेशानी हुई। आजकल शिब भक्ति की बातें हो रही हैं। मैं भी शिबजी को प्रार्थना करता हूँ। मैं प्रार्थना करता हूँ की आप २०२४ में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाएं। मेरी आपको शुभकामनायें हैं।
यहाँ डोकलाम पर चर्चा हुई। लेकिन जब विषय की जानकारी नहीं होती तो कई बार बात उल्टी पद जाती है। जब सारा तंत्र और देश की चिंतन कर रहा था और जनाब चीन के राजदूत के साथ बैठक करते हैं। कभी कहा मिले कभी कहा नहीं मिले। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा उनके अध्यक्ष चीन के राजदूत से नहीं मिले। पर बाद में मन लिया मिले। हर जगह बचकाना हरकत करते रहेंगे।
राफेल पर मोदी ने कहा कि मैं कल्पना भी नहीं कर सकता की सत्य को इस तरह रौंदा जा सकता है। देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर इस तरह की राजनीति बुरी बात है। दोनों देशों को इस तरह की बात पर खंडन जारी करना पड़ा। बिना सबूत कहा। देश की जनता जानती है। अब आपको (राहुल) सुधरने का मौक्का है सुधर जाओ। दो देशों के बीच समझौता हुआ पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर ऐसे बचकाने बयानों से बचा जाए। नामदार से प्रार्थना करता हूँ कि देश के सेना अध्यक्ष को कैसी भाषा का प्रयोग किया गया।
सर्जिकल स्ट्राइक पर मोदी ने कहा कि सेना को अपमानित करने का काम विपक्ष ने किया। कहा मोदी को गालियां दिज्ये सेना को नहीं। कांग्रेस ने अस्थरिता फैलाने के लिए अविश्वास के जरिये षड़यंत्र किया। कहा की कहा गया कौन कहता है हमारे पास नंबर नहीं। १९९६ को याद किया और कहा हमारे पास २७२ का दावा किया। और अटल जी की सरकार को गिरना पड़ा। देश को चुनाव से पहले चुनाव में जाना पड़ा।
कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह की सरकार समर्थन वापस लेकर गिराई। यही चंदरशेखर के साथ किया। यह कांग्रेस की फितरत रही है। यही खेल चलता रहा। १९९७ में भी यही किया। प[ेहले देवेगौड़ा को अपमानित किया फिर इन्दर कुमार गुजराल के साथ यही किया।
कांग्रेस ने दो बार सरकारों को खरीदने का काम किया।
यह भी कहा गया पीएम मेरी आँख नहीं दाल सकते। गरीब मां का बेटा भला नामदार की आँख में आँख कैसे दाल सकता है। देसाई से लेकर जय प्रकाश नारायण और प्रणब मुखर्जी और शरद पवार ने आँख में आँख डालने की कोशिश की तो आपने उसका क्या हल किया। हम तो कामदार हैं। ”और आँखों में आँखे डालने की बात करने वालों की आँखों का खेल आज पूरे देश ने देखा। उनका इशारा राहुल की तरफ था।
हम चौकीदार भी हैं भागीदार भी हैं लेकिन आपकी तरह। गरीबों की दुःख दर्द के भागीदार हैं। लेकिन सौदागर नहीं हैं। इस बीच सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मोदी मोदी के नारे लगाने शुरू कर दिए। मोदी ने कहा कांग्रेस का एक ही मंत्र है। या तो हम ही रहेंगे और हम नहीं तो देश में अस्थिरता रहेगी। अफवाहें उड़ाई जाती हैं। दुष्प्रचार किया जाता है। आरक्षण ख़त्म होने की अफवाह फैलाई जाती है। राजनीति के लिए यह सब हो रहा है। दलितों, पिछड़ों को इमोशनल ब्लैकमेल किया। चुनाव जीतने का शार्ट कट अपनाया गया। धरा ३५६ का बार बार दुरूपयोग करने वाले हमें सबक सिखाते हैं। एक परिवार की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए सरकारें तोड़ी गईं। ऐसे लोग भला हमें यहाँ कैसे देख सकते हैं। कांग्रेस ज़मीन से काट चुकी है। उनके साथ जाने वाले भी डूबेंगे। वो अहंकार से भरे हैं।
अब सत्ता उच्च वर्ग से बहार आ चुकी है और निचले वर्ग के पास पहुँच गयी है। इस लिए कांग्रेस का प्रभाव ख़त्म हो गया है। यह बात किसी और ने नहीं कर्नाटक चुनाव के आसपास चिदंबरम ने लिखी थी।
आंध्र प्रदेश के विभाजन किया जोर और जुल्म से। तब हमने कहा था तेलगु हमारी मां है। आपने चुनाव में नतीजा देख लिया। न यह (आंध्र) मिला न वो मिला (तेलंगाना) उन्हें (कांग्रेस को) और ऐसा बटबारा किया की आज तक मामला गर्म है। लेकिन एनडीए की सरकार ने विकास के लिए योजना बनाई। टीडीपी ने अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए हमसे किनारा किया। में चंद्र बाबू को कहा था की आप वाईएसआर के जाल में फंस रहे हो। यदि हम किसी एक प्रदेश को स्पेशल पैकेज देते हैं तो दूसरे प्रदेश पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। आंध्रा की जनता को भरोसा दिलाया की राजधानी से लेकर हर विकास में पीछे नहीं रहेंगे।
हमने वर्षों से लटकी एक रैंक एक पेंशन दिया। जीएसटी आपके काम लटकाने की नीति के कारण देर से आया। किसानों के हक़ में फैसले आपने लटकाये। राष्ट्रीय कृषि नीति में ५० प्रतिशत वाली बात कांग्रेस खा गयी और जनता को झूठा विश्वास दिलाते रहे। इकॉनमी पर श्वेत पत्र वाइट पेपर लाने की बात थी। हमने जब चीजें देखी तो हैरान रह गए। २००८ में कांग्रेस को लगने लगा की सरकार २००९ के चुनाव में चली जाएगी तो बैंकों को लूटने का काम शुरू कर दिया। आज़ादी के ६० साल में बैंकों ने लोन १८ लाख करोड़ क़र्ज़ दिया लेकिन २९१४ से पहले छह साल में ५२ लाख करोड़ क़र्ज़ दे दिया। यह टेलीफोन बैंकिंग का कमाल था। अपने चहेतों को खजाना लुटा दिया। लोन पर लोन दिया। जो गया सो गया। इस कुचक्र के बैंकों को एनपीए के जाल में फंसा दिया। हमने इसकी जांच शुरू की। बारीकी से देखा। एनपीए बढ़ने का कारण यूपीए के फैसले थे।
हमने सुधार की नीति बनाई है। जो टैक्स सरकार के खाते में नहीं जाते थे उसमें सुधार की कोशिश की है। कई नीतिगत निर्णय लिए हैं जिनका असर आने वाले सालों में दिखेगा। आज देश बहुत बड़े संकट में है। कांग्रेस जब तक सत्ता में रही देश के बैंकों को लूटती रही।
मोदी ने अपने भाषण में अपनी योजनाएं भी गिनाईं और कहा कि इनसे हरेक सेक्टर में बदलाव लाने में मदद मिली है। सबका साथ विकास में माँगा। चर्चा में भाग लेने वालों का आभार जताया। कहा आंध्र प्रदेश के विकास में कमी नहीं रखेंगे।