प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से विपक्ष के नए बने गठबंधन ‘इंडिया’ की तुलना आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन और अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी से करने पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। पीएम ने विपक्षी गठबंधन की यह तुलना आज सुबह भाजपा संसदीय दल की बैठक में अपने संबोधन में की थी।
संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद 12 बजे जब दोबारा शुरू हुई तो सदन में विपक्ष और कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार और खासकर पीएम मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा – ‘हम यहां मणिपुर हिंसा की बात कर रहे हैं और पीएम मोदी ईस्ट इंडिया कंपनी की’।
इस बीच एक ट्वीट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को उनके बयान पर जवाब दिया। गांधी ने लिखा – ‘आप हमें जो चाहें बुला लें मोदी जी। हम भारत हैं। हम मणिपुर को ठीक करने और हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे। हम मणिपुर में भारत के विचार का पुनर्निर्माण करेंगे।’
याद रहे पीएम मोदी ने संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा संसदीय दल की बैठक में विपक्षी दलों पर हमला बोला था। उन्होंने उस दौरान विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को लेकर कहा – ‘सिर्फ गठबंधन का नाम इंडिया लिख लेने से कुछ नहीं होता जाता है। ऐसे तो ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी अपने नाम के साथ इंडिया जोड़ लिया था। इसी तरह इंडियन मुजाहिद्दीन के नाम में भी इंडिया है’।
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष का विरोध करते-करते इंडिया से ही नफरत करने लगे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि आप हमें जो चाहे बुला लें मोदी जी. हम भारत हैं. हम मणिपुर को ठीक करने और हर महिला और बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेंगे. हम उसके सभी लोगों के लिए प्यार और शांति वापस लायेंगे. हम मणिपुर में भारत के विचार का पुनर्निर्माण करेंगे.
पीएम के बयान पर कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ट्वीट में कहा – ‘मोदी जी, आप कांग्रेस विरोध में इतने अंधे हो गये कि इंडिया से ही नफरत करने लग गये। सुना है आज कुंठा में आ कर आपने इंडिया पर ही हमला बोल दिया।’
कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट में कहा – ‘विपक्ष को कोसते कोसते प्रधानमंत्री मोदी इंडिया को ही भला बुरा कहने लग गये ? एक बात साफ है–अपनी घटिया ट्रोल आर्मी को निर्देश आप ही देते हैं। विपक्ष दिशा भ्रमित नहीं है। आप नैतिक दिवालियेपन का शिकार हैं। जुबानी जमा खर्च बंद कीजिए। हिम्मत जुटाइये और मणिपुर पर बोलिए’।