राजधानी दिल्ली में विधायकों की खरीद फरोख्त और शराब पॉलिसी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच खींचतान को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा में खुद विश्वास मत पेश करेंगे। यह भी अनुमान लगाए जा रहे है कि इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग भी कराई जा सकती है। या फिर ध्वनि मत से पारित हो सकता है।
दिल्ली सरकार भाजपा पर सरकार गिराने की कथित कोशिशों को लेकर हमलावर है। आप ने दावा किया था कि भाजपा ने दिल्ली सरकार को गिराने के लिए 40 विधायकों को 20-20 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया। और विधायकों को लगातार धमकी भी दी गर्इ कि वे या तो भाजपा में शामिल हो जाएं या फिर उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ भाजपा केजरीवाल की शराब पॉलिसी को लेकर लगातार निशाना साध रही है। और केजरीवाल सरकार द्वारा उनपर लगाए गए आरोपों को भाजपा ने सिरे से खारिज कर दिया है। भाजपा ने कहा है कि सरकार गिराने की ऐसी कोई भी कोशिश नहीं हुई है ये सब आप पार्टी की मनगढ़ंत कहानी है ताकि शराब पॉलिसी में हुए भ्रष्टाचार के मामले से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
आपको बता दें, शुक्रवार को दोनों पार्टियों के बीच विधानसभा में जमकर बवाल हुआ था। उसके बाद विधायकों को मार्शल बुलवाकर सदन से बाहर निकाल दिया गया था।