उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भले ही 6 माह से कम का समय बचा है पर, उत्तर प्रदेश की राजनीति का असर दिल्ली में साफ देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल रात- दिन एक किये हुये है। अभी तक उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, बसपा और सपा मुख्य राजनीतिक दल चुनाव मैदान में ताल ठोंकते रहे है। लेकिन इस बार 2022 के विधान सभा चुनाव में पूरे दम- खम के साथ आप पार्टी चुनाव मैदान में होगी।
बताते चलें पश्चिम बंगाल के चुनाव में भाजपा को बढ़ौतरी तो मिली, लेकिन सरकार बनाने के आस –पास तक बहुमत ना जुटा पायी। इस लिहाज से भाजपा को अन्य राजनीति दल भाजपा को सरकार बनाने दूर करना चाहते है। मौजूदा समय में देश की सियासत का रूख कुछ और ही है।
महगांई , बेरोजगारी और डीजल –पैट्रोल के बढ़ते दामों के साथ –साथ किसान का उग्र प्रदर्शन इन्ही तामाम मुद्दों को लेकर कांग्रेस ,बसपा, सपा और आप पार्टी ताल ठोंक सकती है। और भाजपा को चुनाव मैदान में पटकनी देने की कोशिश कर सकती है।
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस के नेता रामबहादुर ने बताया कि अगर विपक्षी दल इसी आधार पर ही चुनाव लड़े कि भाजपा को सत्ता से बेदखल करना है। तो आपसी सहमति जरूरी है।वैसे मौजूदा वक्त में उत्तर प्रदेश की सियासत में बदलाव के मोड़ पर है। बस जरूरी है नेताओं को जनता के बीच जाने की है।