लंदन की अदालत ने भारत से बड़ा लोन लेकर भागे शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या को 20 अप्रैल को तगड़ा झटका दिया है। विजय माल्या ने भारत सरकार द्वारा अपने प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ लंदन के हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन 20 अप्रैल को लंदन हाई कोर्ट ने उसकी अपील को ख़ारिज कर दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या अब विजय माल्या को भारत के हवाले किया जाएगा?
बता दें कि विजय माल्या ने 31 मार्च को ट्वीट किया था कि उसने बैंकों को उनका पूरा पैसा चुकाने के लिए लगातार ऑफर किया है। लेकिन बैक न तो पैसे लेने को तैयार हैं और न ही प्रवर्तन निदेशालय संपत्तियों उसकी सम्पत्तियाँ छोड़ने को तैयार है। उसने इसी ट्वीट में यह भी कहा कि काश! इस समय वित्त मंत्री (भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) मेरी बात को सुनती हैं। ख़ैर, अब देखना यही है कि क्या विजय माल्या को भारत गिरफ़्तार कर पायेगा?
विदित हो कि पिछले दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण और भारत में लॉकडाउन के बीच विजय माल्या ने बकाया ऋण चुकाने की पेशकश की थी। विजय माल्या ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा था कि कोरोना वायरस महामारी की संकट की घड़ी में दिवालिया हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार ली गई शत्-प्रतिशत राशि चुकाने की मेरी पेशकश है, वित्त मंत्री इस पर विचार करें। यह बात विजय माल्या ने ट्वीट करके स्पष्ट की थी। माल्या ने यह भी कहा था कि मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री संकट की इस घड़ी में मेरी बात सुनेंगी।