कोरोना संक्रमण ने इसी साल और खासकर इसी महीने दर्जनों हस्तियों को छीन लिया है। वीरवार को जाने माने कवि कुंवर बेचैन का कोरोना संक्रमण की वजह से दिल्ली से सटे नोएडा के अस्पताल में निधन हो गया। उनके दुनिया से फानी होने की जानकारी कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर दी। कुमार विश्वास ने लिखा कि कोरोना से चल रहे युद्धक्षेत्र में भीषण दुखद समाचार मिला है। हिंदी गीत के राजकुमार, अनगिनत शिष्यों के जीवन में प्रकाश भरने वाले डॉ कुंअर बेचैन ईश्वर के सुरलोक की ओर प्रस्थान कर गए हैं। कुंवर बेचैन साहब ने कई विधाओं में साहित्य सृजन किया। कवितायें भी लिखीं, ग़ज़ल, गीत और उपन्यास भी लिखे।
ट्वीट में आगे लिखा कि कोरोना ने मेरे मन का एक कोना मार दिया। कुंवर बेचैन और उनकी पत्नी संतोष कुंवर दोनों कोरोना संक्रमित चल रहे थे। पिछली 12 अप्रैल को दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। रिपोर्ट आने के बाद दोनों को दिल्ली के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। हालत में सुधार नहीं होता देख कुंवर बेचैन को निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
बेचैन उनका तख़ल्लुस है असल में उनका नाम डॉ. कुंवर बहादुर सक्सेना है। कुंवर बेचैन गाजियाबाद के एमएमएच महाविद्यालय में हिन्दी विभागाध्यक्ष रहे। उनका नाम सबसे बड़े गीतकारों और शायरों में शुमार किया जाता था। बेचैन साहब व्यवहार में सहज, वाणी से मृदु रचनाकार को सुनना-पढ़ना अपने साहित्य प्रेमियों के लिए अनोखा अनुभव है। उनकी रचनाएं सकारात्मकता से ओत-प्रोत हैं।