नागपुर में चल रहे महाराष्ट्र सरकार के विंटर सेशनके दौरान चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने किसानों का 2 लाख रुपये तक का लोन माफ करने का ऐलान किया। हांलाकि अपोजिशन ने सदन से वॉकआउट करते हुए किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की मांग कीी।और सरकार पर वादाखिलाफि का आरोप लगाया।
विधानसभा के विंटर सेशन के आखिरी दिन ऐलान करते हुए सीएम ठाकरे ने कहा, ‘किसानों के 2 लाख रुपये तक के लोन माफ कर दििये जााएंगे। पैसे सीधे किसानों के बैंक खातों में डाले जाएंगे। यह स्कीम मार्च से शुरू की जाएगी।’
नई सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे की इस घोषणा के साथ ही बतौर विपक्ष दल बीजेपी ने विरोध शुरु कर दिया। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि ठाकरे सरकार अपने वादे को पूरा नहीं कर रही है और इसके बाद फडणवीस बीजेपी के अन्य नेताओं के साथ वॉक आउट कर गये।
फडणवीस ने याद दिलाया कि उद्धव ठाकरे ने वादा किया था कि वह हर किसान को 25 हजार प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा देंगे। ‘उद्धव सरकार बेमौसम बरसात की वजह से नुकसान झेलने वाले किसानों को प्रति हेक्टेअर 25 हजार रुपये की सहायता देने में नाकाम रही। सीएम बनने से पहले उद्धव खुद यह मांग उठाते रहे हैं।’ फडणवीस ने आरोप लगाया।
सीएम की घोषणा के अनुसार लोन माफ किए जाने की कट ऑफ डेट 30 सितंबर 2019 है। उद्धव ठोकर ने कहा कि लोन की अपर लिमिट 2 लाख रुपये रहेगी और यह योजना महात्मा ज्योतिराव फुले कर्जमाफी योजना के नाम से जानी जाएगी।
इसके अलावा उन्होंने किसानों के लिए स्पेशल स्कीम की घोषणा करते हुए कहा कि जो किसान अपना कर्ज समय पर चुका देंगे उन्हें इस स्कीम का लाभ मिलेगा। इस कर्जमाफी पर रोशनी डालते हुए महाराष्ट्र के फिनांस मिनिस्टर जयंत पाटिल ने कहा कि यह कर्जमाफी बिना किसी शर्त की होगी और जल्द ही सीएम आफिस की तरफ से इस बाबत विस्तृत जानकारी जारी कर दी जाएगी।